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बगावत को हवा देने के चलते हवा हुए कामत

गुजरात कांग्रेस में बगावत को हवा देने वाले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव गुरुदास कामत को प्रभारी की जिम्मेेदारी से मुक्त दिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 04:05 AM (IST)Updated: Fri, 28 Apr 2017 04:05 AM (IST)
बगावत को हवा देने के चलते हवा हुए कामत

अहमदाबाद [ शत्रुघ्न शर्मा ]। गुजरात कांग्रेस में बगावत को हवा देने वाले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव गुरुदास कामत को पार्टी आलाकमान ने प्रभारी की जिम्मेेदारी से मुक्त कर उन नेताओं को भी साफ संदेश दे दिया है जो वाघेला के समर्थन में खडे नजर आ रहे थे। मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी जता रहे वाघेला के पर कतरने से अध्यक्ष सोलंकी व मोढवाडिया का कद बढा है।

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गुजरात कांग्रेस के प्रभारी गुरुदास कामत पार्टी के प्रभारी की जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा पा रहे थे, नेता व कार्यकर्ताओं से उनकी औपचारिक मुलाकात व बैठकें कांग्रेस के पैर जमाने में नाकाफी साबित हो रही थीं। प्रदेश के मूल कांग्रेसी नेताओं की उपेक्षा कर गत दिनों नेता विपक्ष शंकरसिंह वाघेला के निजी आवास वसंत वगडो पर वाघेला समर्थक विधायकों के साथ बैठक करने से पार्टी आलाकमान का माथा ठनक गया था उसके बाद वाघेला को चुनाव प्रचार समिति का संयोजक व सीएम प्रतयाशी बनाने की विधायकों की मांग को सार्वजनिक कर तथा आलाकमान के समक्ष बात पहुंचाने का ऐलान करके उनका परोक्ष समर्थन कर कामत ने खुद आफत मोल ले ली। पार्टी आलाकमान ने इस घटना को नजरअंदाज किए बिना एक बडा व सख्तम फैसला लेते हुए कामत को यहां से हटाकर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को यह जिम्मेादारी सौंप दी।

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कामत को हटाने का दूसरा सबसे बडा कारण रहा वे अपने वादे पूरे नहीं कर पा रहे थे, अगस्त 2016 में उन्होने 100 प्रत्याशियों की सूची जारी करने का ऐलान कर दिया था, उसके बाद दिसंबर 2016 तक बढाया गया लेकिन अप्रेल 2017 आने के बाद भी कामत इस काम को अंजाम नहीं दे सके। कामत के रहते मूल कांग्रेसी अपनी ही पार्टी में उपेक्षित थे वहीं कामत प्रत्यक्ष व परोक्ष तौर पर वाघेला का पक्ष लेते नजर आते जिससे पार्टी में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा था।

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 आखिर आलाकमान को विधानसभा चुनाव के ठीक 6 माह पहले प्रभारी को बदलने का कडा फैसला करना पडा1 इसके अलावा एक प्रमुख कारण ये भी है कि कच्छ नलिया में सामूहिक दूष्कर्म व यौन शोषण की घटना को कांग्रेस जनता के बीच ले जाने के बजाए विधानसभा में सरकार से समझौता कर सरकार को घेरने का बडा हथियार छोड दिया, इसका फैसला वाघेला व कामत की रणनीति का हिस्सा था लिहाजा अब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने खास सिपहसालार अशोक गहलोत को ये जिम्मेदारी सौंप दी है, राहुल आगामी 1 मई को आदिवासी बहुल डेडियापाडा में आदिवासी सभा करेंगे। गहलोत भी यहीं से अपनी नई पारी की शुरुआत करेंगे। वहीं मोढवाडिया 3 मई से किनारा बचाओ यात्रा की अगुवाई करेंगे जो 16 सौ किमी की होगी। मोढवाडिया इस यात्रा को लीड करेंगे जबकि बाकी नेता विविध शहरों में उनका साथ देंगे।

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