गुजरात के सरकारी स्कूलों में बंटे अखिलेश की फोटो वाले बस्ते
भाजपा के लिए यह हास्यास्पद स्थिति गुजरात में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढऩे के बीच हुई है।
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। भारतीय जनता पार्टी ने भले ही उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार को शिकस्त देकर उनका पत्ता साफ कर दिया हो। लेकिन खुद अपने ही गढ़ गुजरात में अखिलेश की फोटो लगे हजारों स्कूली बैग बांट दिए। जबकि अखिलेश यादव का गुजरात की राजनीति से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है।
भाजपा के लिए यह हास्यास्पद स्थिति गुजरात में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढऩे के बीच हुई है। गुजरात के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 'शाला प्रवेशोत्सव' के दौरान यह वाकया हुआ है जिससे हंगामा मच गया है। शिक्षामंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासामा ने मामले की जांच के आदेश के साथ बैग वितरण करने वाली कंपनी को तलब किया है।
दरअसल, राज्य के ही आदिवासी बहुल जिले छोटा उदेपुर में बांटे गए 12 हजार स्कूल बैगों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के फोटो वाले स्टिकर चिपके हैं। जब स्टिकर हट गया तो बैग पर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का मुस्कुराता हुआ फोटो छपा नजर आया। यह बात पहली बार तब उजागर हुई जब वसेड़ी गांव के एक अध्यापक ने 'जिला पंचायत शाला प्रवेशोत्सव' लिखा स्टिकर निकल जाने पर उसके पीछे अखिलेश यादव की तस्वीर देखी। तब जिले के प्राथमिक शिक्षा अफसर महेश प्रजापति ने बताया कि सूरत की एक कंपनी ने ई-टेंडर के जरिए जिला पंचायत के लिए 12 हजार स्कूल बैग भेजे हैं।
सरकार ने इस गलती को मानते हुए जिला शिक्षाधिकारी को तलब किया है। उससे पहले छोटा उदेपुर में बांटे बैग की भी जांच होगी। बताया जाता है कि एक ही ठेकेदार के पास ई-टेंडर होने के कारण अखिलेश राज में बांटे गए स्कूल बैग अधिक मात्रा में बने होने के चलते गुजरात के इस जिले में अस्थायी स्टिकर लगाकर सरकारी समारोह में बंटवा दिए गए। इधर, कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर हमलावर है। प्रवक्ता मनीष दोशी का कहना है कि सरकार की ओर से बांटे जा रहे बैग पर अखिलेश का फोटो लगा होना सरकार की अगंभीरता को दर्शाता है।
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