भाजपा व कांग्रेस के बीच तलखी बढ़ी
विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक रहे राजपूत एक दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे।
अहमदाबाद, शत्रुघन शर्मा। गुजरात कांग्रेस में नाराज विधायकों की संख्या लगातार बढती जा रही है, शुक्रवार को पार्टी नेतृत्व से नाराज तीन और विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अब तक 6 विधायक कांग्रेस छोड चुके हैं तथा एक दर्जन विधायक कतार में हैं। शुक्रवार सुबह कांग्रेस के 2 विधायकों के अचानक गायब होने की चर्चा है। उधर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ बलवंतसिंह राजपूत ने भी राज्यसभा के लिए पर्चा भरा। विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक रहे राजपूत एक दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे।
प्रदेश कांग्रेस में बढ़ते असंतोष का फायदा भाजपा के राष्ट्ीय अध्यक्ष अमित शाह बखूबी उठा रहे हैं, राज्यसभा चुनाव में शाह व स्म्रति की जीत तय है, अब वे राजपूत की जीत आसान करने में जुटे हैं। विधानसभा सचिव डी एम पटेल के अनुसार विधानसभा में भाजपा के 121 सदस्य हैं, हाल की स्थिति में दोनों उम्मीदवारों की जीत केलिए जरूरी मतों के बाद 33 मत भाजपा के पास अतिरिक्त हैं!
गौरतलब है कि इन मतों के बूते राजपूत को राज्यसभा चुनाव जीतना संभव नहीं है। इसीलिए भाजपा कांग्रेस छोड चुके वरिष्ठ नेता शंकरसिंह वाघेला के समर्थक विधायकों से संपर्क साध रही है। शुक्रवार को कांग्रेस विधायक रामसिंह परमार, मानसिंह चौहाण व छनाभाई चौधरी ने भी विधानसभा अध्यक्ष रमण भाई वोरा को अपना इस्तीफा सौंप दिया। विधानसभा में अब कांग्रेस विधायकों की संख्या 51 रह गई है आगामी दिनों में पार्टी के करीब एक दर्जन विधायक और इस्तीफा दे सकते हैं। कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में विधायकों के क्रॉस वोटिंग का भय सता रहा है, इसीलिए राजकोट के कांग्रेस विधायकों को रात भर एक रिसोर्ट में रखा ताकि भाजपा नेता उनसे संपर्क नहीं कर सकें लेकिन सुबह होते ही जसदण विधायक भोलाभाई गायब हो गए, विधायक कामिनीबेन राठौड पार्टी के संपर्क में नहीं हैं। पार्टी में बिखराव की खबर पाते ही गुजरात कांग्रेस के प्रभारी अशोक गहलोत सुबह ही अहमदाबाद दौडे आए लेकिन कांग्रेस में मर्ज बढता गया ज्यों ज्यों दवा की वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
कांग्रेस पार्टी के रूप में विफल
गुजरात भाजपा प्रभारी सांसद भूपेन्द्र यादव ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी, विचारधारा तथा शासन का विकल्प केरूप में विफल साबित हुई है। देश पर कई वर्ष तक राज करने के बाद भी कांग्रेस देश को विकास के रासते पर नहीं ले जा सकी। कांग्रेस भ्रष्टाचार व कुशासन का प्रतीक बनकर रह गई है। शंकरसिंह वाघेला जैसे वरिष्ठ नेता अगर कांग्रेस व उसके नेताओं पर टिप्पणी करते हैं तो जाहीर है वहां सब कुछ ठीक ठाक नहीं है। यादव ने कहा कि सकारात्मक विकास के लिए भाजपा सबका सहयोग चाहती है लेकिन राज्यसभा चुनाव के लिए किसी तरह की हॉर्स ट्रेडिंग से वे इनकार करते हैं।
अमित शाह के राज्यसभा चुनाव लडने पर यादव ने कहा कि शाह की देश को जरुरत है, उनके नेतृत्व में भाजपा ने देश के कई राज्यों के चुनाव जीते हैं, पार्टी के संगठन, रणनीति व राजनीतिक विस्तार में लगातार बढोतरी हो रही है वह शाह की दूरदर्शिता का परिणाम है। एक दिन पहले ही कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले बलवंत सिंह ने कहा कि कांग्रेस दिशाहीन है, वहां नेता एक दूसरे की टांग खींचने में लगे हैं जिससे उन्हें दुख होता था। जबकि जयश्री पटेल का कहना है कि चुनाव जीतने से पहले ही पार्टी में सत्ता के लिए खींचतान मची हुई है।
यह भी पढ़ें: