दलित प्रताडऩा मामले को लेकर राहुल गांधी पहुंचे ऊना
ऊना में जब राहुल पीडितों से मिलने पहुंचे तो दलित इंजीनियरिंग छात्र जीतू ने कहा कि पशुओं को उठाना उनके लोगों की मजबूरी है शौक नहीं।
ऊना, समढियाला। मुझे शर्मिदगी है कि आज भी हमारे यहां ऐसा होता है, यह कहना था कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का। गुजरात के ऊना में जब राहुल पीडितों से मिलने पहुंचे तो दलित इंजीनियरिंग छात्र जीतू ने कहा कि पशुओं को उठाना उनके लोगों की मजबूरी है शौक नहीं।
दलित उत्पीडन की घटना पर भाजपा, कांग्रेस, बसपा, आम आदमी पार्टी आदि ने गहरा रोष व्यक्त किया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जब मोटा समढियाला के हरिजनवास पहुंचे तो यहां बडी संख्या में दलित समुदाय के महिला पुरुष मौजूद थे। राहुल यहां पीडित बालूभाई सरवैया के घर पहुंचे तथा उनसे समूचे घटनाक्रम की जानकारी ली। बालूभाई ने सिर में लगी चोट दिखाई तथा शर्ट उतारकर चोट के निशाने दिखाए। बालूभाई के भतीजे जीतू सरवैया राहुल को बताया कि म्रत पशुओं को उठाना उनके समुदाय की मजबूरी है, गांव की गंदगी साफ करके वे समाज कि ही सेवा कर रहे हैं। इसके बावजूद उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। इस पर राहुल ने कहा कि वे शर्मिंदा हैं कि हमारे यहां आज भी ऐसा होता है, जीतू इस गांव दलित समुदाय का अकेला छात्र है जो इंजीनियरिंग की पढाई कर रहा है। जीतू ने कहा कि आरोपियों को ऐसी सजा हो कि दूबारा दलित समुदाय के साथ कोई ऐसी हरकत नहीं करे। हरिजनवास के अधिकांश युवा स्कूल छोडकर किशोरावस्था से ही इस काम से जुड गए हैं।
गांव में आज से पहले इस तरह की कोई धटना नहीं हुई, बताया जा रहा है कि स्थानीय सरपंच प्रफुल्ल भाई कोराट ने आपसी रंजिश के चलते फोन करके कथित गौरक्षकों को बताया कि कुछ युवक गायों को मारकर गौमांश का व्यापार कर रहे हैं। जिसके बाद गौरक्षकों ने इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने इस मामले में 16 आरोपियों की धरपकड की है, मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है तथा सुनवाई के लिए विशेष अदालत गठित करने का ऐलान कर दिया है। मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल बुधवार को ही यहां पहुंची तथा पीडितों को न्याय व आर्थिक मदद के साथ पीडितों के मकान पक्के बनवाने का वादा भी करके गई।
गुजरात के ऊना मोटा समढियाला गांव में कथित गौरक्षकों के दलित समुदाय के चार युवकों को बेरहमी से पीटने तथा कार से बांधकर घसीटने की घटना के बाद से प्रदेश के दलित समुदाय में काफी रोष व्याप्त है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को मोटा समढियाला में पीडितों से मिलने पहुंचे थे। राहुल ने पीडित बालूभाई सरवैया व राजकोट अस्पताल में भर्ती उनके पुत्र मेसराम व रमेश आदि पीडितों से मुलाकात की। राहुल ने कांग्रेस की ओर से पीडित परिवार को 5 लाख रु की मदद की घोषणा की तथा पीडितों को न्याय दिलाने की बात कही।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी यहां कांग्रेस महासचिव व गुजरात प्रभारी गुरुदास कामत, प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी, पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया आदि नेताओं के साथ यहां पहुंचे थे। राहुल व अन्य नेताओं ने पीडित की पत्नी कुंवरीबेन के हाथ से बनी चाय पी। कांग्रेस नेता करीब आधा घंटे तक यहां रुके, इस दौरान दलित समाज केयुवकों ने उन्हें ज्ञापन भी दिए। कांग्रेस नेताओं से पहले एनसीपी नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल भी यहां पहुंचे, उन्होंने भी पीडितों से घटना की जानकारी ली।
जीवंत हो गया पीपली लाइव
गुजरात का ऊना समढियाला गांव वास्तविक जिंदगी का पीपली लाइव बन गया है, दलित उत्पीडन की घटना के बाद बीते एक सप्ताह से नेशनल व स्थानीय मीडिया में सुर्खियां बने इस गांव में देश प्रदेश के बडे बडे नेताओं की आम दरफ़त है, आलीशान लक्जरी गाडियों की आवाजाही है साथ ही ग्रामीणों भले ही पहले कोई पूछता नहीं था लेकिन आजकल उनकी बातें टीवी पर लाइव दिखाई जा रही हैं। आमिर खान की मशहूर फिल्म पीपली लाइव के मुख्य किरदार के मरने की इच्छा जताने के बाद पर्दे पर पीपली गांव के जो द्रश्य नजर आते थे आज वैसा ही हाल मोटा समढियाला का है। हर एक पार्टी के बडे नेताओं की यहां पहुंचने की होड, टीवी चैनल व मीडिया में ब्रेकिंग न्यूज चलाने की आपा धापी यहां साफ नजर आती हैं, इन सबसे समढियाला के हरिजनवास का कायापलट होगा या नहीं लेकिन गुजरात की ऊना तहसील का यह गांव देश की संसद से लेकर सडक तक चर्चा का केनद्र जरुर बना हुआ है। गांव की चौपाल पर धोती कुर्ता पहने बुजूर्ग, पेडों के नीचे झुंड में खडे बेकार युवकों के टोले व चाय पान की दुकानों पर खरीददारी करते अनजान चेहरे फिलहाल इस गांव की रौनक है। उधर खिचडी दाढी, लूंगी लपेटे पीडित बालूभाई सरवैया हाथ जोडे लोगों से शांत रखने की अपील करता है कि शोर शराबा व नारेबाजी करके उसका ब्लड प्रेशर नहीं बढाऐं। गौरतलब है कि भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, एनसीपी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, बसपा के राष्ट्रीय व प्रदेश के नेताओं का यहां आना जाना लगा हुआ है। दरअसल गुजरात में नवंबर 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए हर एक पार्टी दलित वोट बैंक पर अपनी नजरें गढाए है। दलित अधिकार मंच व दलित पेंथर संगठन को भले इन नेताओं के यहां आने जाने में कोई राजनीति नजर नहीं आती लेकिन गांव वाले हैं कि नेताओं की इस रहनुमाई पर मंद मंद मुस्कुरा देते हैं।