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ओंकारेश्वर के पानी से गुजरात में दहशत

By Edited By: Published: Sat, 03 Aug 2013 03:27 AM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2013 03:29 AM (IST)
ओंकारेश्वर के पानी से गुजरात में दहशत

अहमदाबाद([ब्यूरो)]। सरदार सरोवर नर्मदा बांध पूरे उफान पर है। बांध से 129 मीटर ऊंचाई से पानी बहा जो अब तक का रिकार्ड है। बांध में 12.71 लाख क्यूसेक पानी की आवक से बांध के उपर से सात मीटर का ओवरफलो हुआ। इसके चलते नर्मदा कमान्ड में आनेवाले 107 गांवों को अलर्ट कर दिया गया है तथा लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा पंचमहाल जिले के कंटाणा बांध से भी पानी छो़़डा जा रहा है।

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स्टेट कन्ट्रोल के अधिकारियों के बताए अनुसार मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर बांध से पानी छो़़़़डा जा रहा है। जिससे नर्मदा बांध का जलस्तर 129 मीटर के उपर पहुंच गया है। नर्मदा जलस्तर ब़़ढने से भरच, नर्मदा और वडोदरा जिले के 107 गांवों को सतर्क रहने की सूचना दी गई है। अब तक 500 लोगों को सुरक्षित स्थल पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा भरच तथा नर्मदा में तमाम सरकारी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है। दमकल विभाग के काफिले को भी तैनात कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि राजपीपला, केवडिया तथा भाद्रणा की ओर जानेवाले तमाम रास्तों को बंद कर दिया गया है। भरच में गोल्डन ब्रिज तथा गोरा ब्रिज पर नर्मदा बांध का पानी आ जाने से आसपास के 20 गांवों को खाली करा दिया गया है।

पाठशाला में लागाया ताला

अहमदाबाद। प्राथमिक पाठशाला में शिक्षकों की कमी के कारण नाराज चोटीला तहसील के सालघ़़डा गांव के लोगों ने ताला लगा दिया है। गुजरात की यह पहली घटना है। यहां कक्षा आठ में गत तीन वषर्षो से शिक्षक ही नहीं है। इस प्राथमिक पाठशाला में आचार्य सहित कुल तीन शिक्षक ही है। आचार्य को सरकारी काम काज से ही फुर्सत नहीं मिलती।

गौरतलब है कि गुजरात सरकार गत कुछ वषर्षो से शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए पाठशाला प्रवेशोत्सव आयोजित करती है, जिसमें मुखयमंत्री,शिक्षामंत्री ,शिक्षा सचिव सहित शिक्षा विभाग से कर्मचारियों का दल गांव--गांव जाकर प्रवेश को प्रोत्साहित करते है। वहीं गुजरात की ऐसी कई पाठशालाएं भी हैं जहां शिक्षकों की कमी के कारण स्थानीय लोगों में रोषष है।

राज्य के सौराष्ट्र मंडल में स्थित चोटीला तहसील के सालघ़़डा गांव इस प्राथमिक पाठशाला में गत तीन वषर्षो से कोई शिक्षक नहीं है। तीन वषर्ष पहले राज्य सरकार ने कक्षा का आठ को प्राथमिक में शामिल किया था। ग्रामिण क्षेत्रों में ऐसी कई पाठशालाएं भी हैं जहां अभी तक कक्षा आठ के लिए ढांचागत सुविधाएं भी नहीं है।

सालघ़़डा गांव की इस पाठशाला में कक्षा आठ में 52 छात्र हैं। परन्तु उन्हें पढाने के लिए कोई शिक्षक ही नहीं है। बार--बार की मांह से नाराज लोगों ने पाठशाला को ताला ही लगा दिया।

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