रिव्यू: धर्म के नज़रिए से डर का विज्ञान 'सांसें' (3 स्टार)
राजीव रुइया ने सस्पेंस, थ्रिल और हॉरर का संयोजन ख़ूबसूरती से किया है। पूरी फ़िल्म मॉरीशस में शूट की गयी है, तो दृश्यों में नयापन दिखता है।
पराग छापेकर
प्रमुख कलाकार- रजनीश दुग्गल, हितेन तेजवानी, सोनारिका भदौरिया आदि।
निर्देशक- राजीव एस रुइया
स्टार- तीन
एक अलग डर। डर हमेशा इंसान की शख्सियत का अहम् हिस्सा रहा है और डर के पीछे के अलग-अलग आयाम तलाशने का रोचक मनोरंजन भी। इसीलिए सफलता का आज़माया नुस्खा रहा है। हॉरर फिल्मों को हमेशा से एक सुरक्षित ज़ोन माना गया है। इसी को आज़माते हुए निर्देशक राजीव रुइया ने फ़िल्म 'सांसें' बनाई है। अब तक हमारे देश में हॉरर फ़िल्मों के दो स्कूल माने गए हैं। एक रामसे और दूसरे रामू (राम गोपाल वर्मा)। इस फ़िल्म की ख़ास बात ये है कि राजीव ने इन दोनों के बीच एक तीसरा रास्ता तलाशा है। वो हॉरर को एक अलग अंदाज़ में सामने ला रहे हैं। ये शायद पहला मौक़ा है जब इंसान के भीतर बसे डर को धर्म के साथ-साथ विज्ञान की मार्फ़त समझने की कोशिश की गयी है।
ये कहानी है एक ख़ूबसूरत क्लब सिंगर शिरीन (सोनारिका भदौरिया) की, जो मॉरीशस के एक क्लब में गाती है। अपने गाने के बाद रोज़ शिरीन रहस्यमय ढंग से ग़ायब हो जाती है। ऐसे में एक दिन अभय (रजनीश दुग्गल) क्लब में आता है और उसे पहली नज़र में शिरीन से प्यार हो जाता है। शिरीन से मिलने की जद्दोज़हद में उसका सामना एक ऐसे राज़ से होता है जो सोचा ही नहीं जा सकता। क्या अभय इस राज़ का पर्दाफाश कर सकेंगे? क्या शिरीन कभी मुक्त हो सकेगी? इसी ताने-बाने पर बुनी गयी है 'सांसें'।
राजीव रुइया ने सस्पेंस, थ्रिल और हॉरर का संयोजन ख़ूबसूरती से किया है। पूरी फ़िल्म मॉरीशस में शूट की गयी है, तो दृश्यों में नयापन दिखता है। रजनीश दुग्गल, हितेन तेजवानी और सोनारिका ने अपने अपने किरदारों में जान डाली है। हॉरर में बैकग्राउंड म्यूज़िक काफी महत्त्व रखता है। उसमें भी फ़िल्म सफल होती है।
अवधि- 1 घंटा 41 मिनट।