गिरीश कुमार ने दिल एक्टिंग को दिया
क्या हीरो बनना आपके बचपन का सपना था? -जी हां। मैं बचपन से ही इस इंडस्ट्री का हिस्सा बनना चाहता था। मेरे परिजन भी मेरी चाहत को उसी समय से पूरा करना चाहते थे। मैं महज दो साल का था, जब मां मुझे श्रीकृष्ण के गेटअप वाले ड्रेस से सजाती थीं। जब 5-6 साल का हुआ तो पापा ने मुझे वैसे ड्रेस लाकर दिए जैसे 'खलनायक' फिल्म में संजय दत्त ने पह
टिप्स इंडस्ट्री के मालिक व फिल्म निर्माता कुमार तैरानी के बेटे गिरीश कुमार ने एक्टिंग की राह चुनी है। 'रमइया वस्तावैय्या' उनकी पहली फिल्म हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास :-
क्या हीरो बनना आपके बचपन का सपना था?
-जी हां। मैं बचपन से ही इस इंडस्ट्री का हिस्सा बनना चाहता था। मेरे परिजन भी मेरी चाहत को उसी समय से पूरा करना चाहते थे। मैं महज दो साल का था, जब मां मुझे श्रीकृष्ण के गेटअप वाले ड्रेस से सजाती थीं। जब 5-6 साल का हुआ तो पापा ने मुझे वैसे ड्रेस लाकर दिए जैसे 'खलनायक' फिल्म में संजय दत्त ने पहने थे। तभी से मैं एक्टर बनने की चाहत पैदा हो गई।
एक्टिंग में आने से पूर्व किस किस्म की तैयारियां कीं?
-मैं पापा के संग सेट पर जाता रहता था। 'रेस 2' व 'प्रिंस' के दौरान उनका असिस्टेंट भी रहा। पोस्ट प्रोडक्शन में भी इंवॉल्व रहता था। कैमरे के सामने आने से पहले कैमरे के पीछे का जो काम सीखा वह बहुत काम आया।
ज्यादा कठिन क्या है कैमरे के पीछे काम करना या उसके सामने?
-शुरू में तो कैमरे को फेस करना बड़ा मुश्किल था, पर च्यों ही कैमरा रोल हुआ, सब कुछ आसान हो गया। आप फिल्मी घराने से हैं। फिल्मों में आपको आसानी से एंट्री मिल गई।
खुद को प्रूव करने की जिम्मेदारी कितनी महसूस कर रहे हैं?
-रितिक रोशन का उदाहरण सबके सामने है। फिल्मी घराने से ताल्लुक रखते हुए उन्होंने खुद को प्रूव किया। मैं भी उन्हीं की राह पर हूं। यद्यपि मैं खुद को प्रूव करने का भार साथ लेकर नहीं चल रहा हूं। मेरा निर्णय जनता करेगी।
'रमइया वस्तावइया' जैसी फिल्म को ही लॉन्च पैड क्यों बनाया?
-यह आठ साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग तक को पसंद आएगी। लिहाजा कोई बोल्ड फिल्म कर मैं खुद को एक उम्र विशेष के दर्शक वर्ग तक सीमित नहीं करना चाहता था।
प्रभु देवा एक्शन फिल्मों के महारथी हैं। उनसे रोमांटिक फिल्म क्यों निर्देशित करवाई?
-यह जरूरी नहीं कि खास जॉनर की फिल्में बनाने वाले सिर्फ उसी जॉनर की फिल्म बना सकते हैं। यह फिल्म साउथ की जिस फिल्म की रीमेक है, उसे प्रभु सर ने ही डायरेक्ट किया है। प्रभु सर उस फिल्म के मिजाज से पूरी तरह वाकिफ हैं, इसलिए उनसे बेहतर विकल्प और कोई नहीं हो सकता था।
इस फिल्म में आपका गेटअप शाहरूख खान के किरदारों से मिलता है। क्या वह आपके प्रेरणास्त्रोत हैं?
-जी हां। शाहरुख खान, सलमान खान व रितिक रोशन मेरे प्रेरणास्त्रोत हैं। रितिक सर्वगुणसंपन्न कलाकार हैं, जबकिशाहरुख सभी के लिए अदाकारी की किताब हैं। सलमान सितारा हैसियत रखते हैं। लोग उन्हें जिस तरह चाहते हैं, वह प्रेरक है।
आगे की क्या योजना है?
-अभी सारा ध्यान 'रमइया वस्तावइया' पर है। उसकी रिलीज और दर्शकों की प्रतिक्रिया पर आगे की दिशा निर्धारित करूंगा। [अमित कर्ण]
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