गुमनामी के डर ने छीन ली इन सितारों से जिंदगी!
जाने-माने पंजाबी सिंगर धरमप्रीत ने रविवार को भटिंडा में अपने घर में पंखे से लटककर फांसी लगा खुदकुशी कर ली। 90 के दशक में बेशुमार शोहरत हासिल वाले धरमप्रीत के पास लंबे समय से काम नहीं था और पंजाबी इंडस्ट्री में उन्हें भुलाया जाने लगा था।
मुंबई। जाने-माने पंजाबी सिंगर धरमप्रीत ने रविवार को भटिंडा में अपने घर में पंखे से लटककर फांसी लगा खुदकुशी कर ली। 90 के दशक में बेशुमार शोहरत हासिल वाले धरमप्रीत के पास लंबे समय से काम नहीं था और पंजाबी इंडस्ट्री में उन्हें भुलाया जाने लगा था।
अपने डूबते करियर को देखकर वो काफी परेशान रहने लगे थे और धीरे-धीरे डिप्रेशन का शिकार हो गए। धरमप्रीत अकेले ऐसे स्टार नहीं जो गुमनामी में खोकर अपनी जिंदगी से ऊब गए। इस स्टारडम ने न जाने कितने सितारों की जान ले ली है।
पहले करियर में नाम और शोहरत मिलने के आदि हो जाने के बाद ये सितारे गुमनामी को बर्दाश्त नहीं कर पाते। शुरुआती चकाचौंध से उन्हें ये अहसास होने लगता है कि ये शोहरत जिंदगी भर के लिए उनके नाम हो गई है। लेकिन ऐसा नहीं होता, क्योंकि ये शोहरत किसी की गुलाम नहीं।
वक्त बदलता है कि ये किसी और के नाम हो जाती है। इस बदलाव को ये स्टार्स समझ नहीं पाते और पतन की तरफ बढ़ने लगते हैं।
ऐसे ही कुछ और सितारे हैं जिन्होंने गुमनामी और हार के डर से अपनी जिंदगी को ही खत्म कर दिया।
पिछले हफ्ते ही लाइपोसक्शन सर्जरी करा चुकी तेलूगु एक्ट्रेस आरती अग्रवाल की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। शुरुआती करियर में नाम कमाने वाली आरती के पास भी कुछ समय से काम के ऑफर आने बंद हो गए थे। इतना ही नहीं उनकी आखिरी चार फिल्में भी फ्लॉप हुई थीं। इसके बाद उन्होंने कॉसमैटिक सर्जरी कराने का फैसला किया। हालांकि सर्जरी सफल नहीं हो सकी और आखिरकार उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
खबर है कि प्यार के चक्कर में 2005 में उन्होंने भी आत्महत्या करने की कोशिश की थी।
अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म 'निशब्द' और आमिर खान के साथ फिल्म 'गजनी' में काम कर चुकी जिया खान भी अपने करियर में आए बदलाव से परेशान थी। काम की कमी उन्हें खलने लगी थी। ऊपर से प्यार में चल रहे संघर्ष ने उन्हें और परेशान कर दिया। आखिरकार जून 2013 में उन्होंने जुहू स्थित अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। जिया के बॉयफ्रेंड सूरज पंचोली पर उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला चल रहा है।
मॉडल्स नफीसा जोसेफ, कुलजीत रंधावा और विवेका बबाजी अपनी जिंदगी में परेशानियों और डूबते करियर के चलते खुदकुशी कर ली थी।
फिल्म निर्माता पूजा भट्ट ने कहा, 'अगर आप इस फील्ड में ये सोचकर आते हैं कि आप एक भी फ्लॉप फिल्म साइन नहीं करेंगे या बुरे दौर से नहीं गुजरेंगे तो आपको कोई और काम ढूंढ लेना चाहिए। दिक्कत सफलता या असफलता नहीं है, बल्कि फिल्मों में काम करने वाले बहुत कम लोगों इससे बाहर की जिंदगी जीते हैं। मैंने सफलता को कभी गंभीरता से नहीं लिया जिससे असफलता ने मुझे कभी नहीं तोड़ा।'
सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में ही नहीं, बल्कि मॉडलिंग की दुनिया में भी लोगों का यही हाल होता है। गीतांजलि नागपाल नाम की मॉडल इसका बड़ा उदाहरण हैं, जो 2007 में दिल्ली की सड़कों पर भीख मांगती पाई गई थी। नफीसा जोसेफ नाम की मॉडल ने भी 2004 में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी।
मॉडल रह चुकी मुग्धा गोडसे ने फिल्म 'फैशन' से इंडस्ट्री में कदम कदम रखा। मुग्धा कहती हैं, 'एक्टिंग में काफी प्रतिस्पर्धा है और ज्यादातर एक्टर्स संवेदनशील होते हैं। हालांकि सफलता और असफलता का असर हमारी जिंदगी के मकसद पर नहीं पड़ना चाहिए। इससे निपटने का सिर्फ एक ही तरीका है कि इसे जिंदगी का अंत न समझा जाए।'
एक्टर राजीव खंडेलवाल कहते हैं, 'जब तक कोई इंसान एक्टर होता है, तब तक ठीक है। लेकिन जब कोई एक्टर इंसान पर हावी होने लगे तब दिक्कत शुरू होती है। मुझे लगता है कि अगर शोहरत बहुत मेहनत से कमाई गई है तो इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।'
बिपाशा बसु कहती हैं, 'काम आपकी जिंदगी का सिर्फ एक पहलू है, आपकी पूरी जिंदगी नहीं है। मुश्किल वक्त सिर्फ लोगों को मजबूत बनाने के लिए होते हैं। लेकिन आपको कमजोर नहीं पड़ना चाहिए। अपने लिए सही चीजें चुनो, दुनिया के लिए नहीं।'
मनोचिकित्सक हरीश शेट्टी कहते हैं कि आज की सेलेब्रिटीज जानते हैं कि शोहरत को कैसे संभालना है। उन्होंने कहा, 'खुदकुशी के मामलों को मीडिया की तरफ से काफी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है। आज की जनरेशन स्मार्ट है और वो जानते है कि किस वक्त दोस्तों और एक्सपर्ट्स की मदद लेनी है।'