...तो सोनाक्षी सिन्हा को पहले से पता था, 'नूर' ज़्यादा नहीं चलेगी
सोनाक्षी पिछले कुछ वक़्त से हीरोइन प्रधान फ़िल्में कर रही हैं। मगर, उनकी फ़िल्मों को कुछ ख़ास सक्सेस नहीं मिल रही है। नूर की चाल भी बहकी-बहकी है।
मुंबई। सोनाक्षी सिन्हा की फ़िल्म नूर बॉक्स ऑफ़िस पर औंधे मुंह गिरी है। शुरुआती दो दिनों में फ़िल्म के जो कलेक्शंस रहे हैं, उससे लगता है कि नूर ज़्यादा दूर तक नहीं जा पाएगी और जल्द ही दम तोड़ देगी। मगर, सोनाक्षी सिन्हा पर नूर की असफलता का कोई ख़ास असर नहीं पड़ने वाला, क्योंकि नाकामयाबी को पचाने का गुरुमंत्र उन्होंने अपने पापा शत्रुघ्न सिन्हा से सीख लिया है।
सोनाक्षी पिछले कुछ वक़्त से हीरोइन प्रधान फ़िल्में कर रही हैं। मगर, उनकी फ़िल्मों को कुछ ख़ास सक्सेस नहीं मिल रही है। नूर की चाल भी बहकी-बहकी है। दबंग के साथ ज़ोरदार डेब्यू करने वाली सोनाक्षी ने ख़ुद को संभालना सीख लिया है। पीटीआई से बातचीत में सोना ने कहा- "मैंने अपने पिता को सफलता और असफलता, दोनों को सम्मान, शांति और नियंत्रित ढंग से संभालते हुए देखा है। वो ऐसी बातों से अप्रभावित रहते हैं। उन्होंने ऐसा करते हुए देखकर मेरे अंदर ये खूबी घर कर गई है, जहां मुझ पर इन बातों को फ़र्क नहीं पड़ता। ठीक है,अगर कुछ चीज़ें योजना के अनुरूप नहीं हो पातीं। हम अगली फ़िल्म से फिर कोशिश करेंगे। मैं इन चीज़ों से ना तो झुकती हूं और ना ही परेशान होती हूं।"
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सोनाक्षी ने आगे कहा कि उनके परिवार ने उनकी परवरिश इस ढंग से की है कि सफलता और असफलता को समान रूप से लेती हैं। वो कहती हैं, ''जब मेरी कोई फ़िल्म कामयाब होती है तो आप मुझे छत पर जाकर ज़ोर-ज़ोर से इसके बारे में चिल्लाते हुए नहीं देखेंगे। जब कोई फ़िल्म नहीं चलती है तो आप मुझे एक कोने में बैठकर रोते हुए नहीं देखेंगे। सफलता और असफलता हर किसी के जीवन का हिस्सा हैं। कोई छात्र हो या फिर प्रधानमंत्री, कोई भी हो। अगर उतार-चढ़ाव ही नहीं हैं, तो ये कैसी ज़िंदगी है?''