Padmavati row: संसदीय समिति के सामने पेश हुए भंसाली-प्रसून, इन्होंने किया पद्मावती का समर्थन
प्रसून जोशी ने कमेटी के सामने कहा कि अभी उन्होंने फिल्म नहीं देखी है। लेकिन इस फिल्म को पहले रीजनल कमेटी देखेगी और फिर सेंट्रल कमेटी तक फिल्म पहुंचेगी।
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर चल रहे विवाद ने नया मोड़ ले लिया है।ख़बर है कि संसदीय कमेटी के सामने गुरुवार को संजय लीला भंसाली मौजूद थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संजय लीला भंसाली ने अपनी बात कम शब्दों में ही रखी है। संजय लीला भंसाली ने अपनी फिल्म को लेकर सफाई देते हुए कहा कि उनकी फिल्म पद्मावती की कहानी इतिहास की कहानी पर आधारित नहीं है, बल्कि यह मलिक मोहम्मद जायसी की कविता पर आधारित है। ख़बर है कि यह मीटिंग लगभग एक घंटे से ज्यादा चली। भंसाली के अलावा इस कमेटी के सामने सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी भी मौजूद थे। 14 सदस्यीय इस कमेटी में आठ सदस्यों के सामने प्रसून जोशी भी पेश हुए। जहां बीजेपी के दो सदस्यों ने फिल्म पर बैन की मांग की तो शिवसेना ने भी इसका समर्थन किया। लेकिन बाकी सदस्यों का मानना था कि जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म पर मंजूरी नहीं दी है तो बैन की बात का उठाना लाजिमी नहीं है। प्रसून जोशी ने कमेटी के सामने कहा कि अभी उन्होंने फिल्म नहीं देखी है। लेकिन इस फिल्म को पहले रीजनल कमेटी देखेगी और फिर सेंट्रल कमेटी तक फिल्म पहुंचेगी। सेंसर बोर्ड सारे एक्सपर्ट्स से राय लेने के बाद ही नतीजे पर पहुंचेगा।
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बता दें कि इस बैठक में सेंट्रल बोर्ड अॉफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के प्रमुख प्रसून जोशी से पूछा गया कि क्या प्रोमो को अप्रूव कराया गया था? इस पर उन्होंने कहा है कि प्रोमो अप्रूव थे। कुछ मेम्बर्स ने यह भी कह है कि कमर्शियल फायदे के लिए विवाद को तूल दिया जा रहा है।