फिल्म बनाना मुश्किल काम है- सैफ अली खान
मुंबई। सैफ अली खान सफलता के रथ पर सवार होकर निकल पड़े हैं नई ऊंचाइयां छूने के लिए। फिल्मी दुनिया में अपने लंबे अनुभव को सकारात्मक मोड़ देते हुए सैफ ने फिल्म-निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया है। हालांकि छोटे नवाब के नाम से मशहूर सैफ के व्यक्तित्व और रुझान में ज्य्
मुंबई। सैफ अली खान सफलता के रथ पर सवार होकर निकल पड़े हैं नई ऊंचाइयां छूने के लिए। फिल्मी दुनिया में अपने लंबे अनुभव को सकारात्मक मोड़ देते हुए सैफ ने फिल्म-निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया है। हालांकि छोटे नवाब के नाम से मशहूर सैफ के व्यक्तित्व और रुझान में ज्यादा फर्क नहीं आया है। आज भी मिलने पर वे अपने बारे में बातें करने से हिचकते हैं। हां, करियर और फिल्मों की बात चले, तो वे जरूर जवाब देते हैं। उन्होंने धीरे-धीरे एक नजरिया भी विकसित कर लिया है। निर्माता की जिम्मेदारियां संभालने के बाद से उनके व्यक्तित्व में एक अलग तब्दीली आई है। वे फैसले दिल की बजाय दिमाग से लेने लगे हैं। किसी भी प्रोजेक्ट को उसकी सफलता-असफलता के बारे में जज इसी तरह करते हैं। 'गो गोवा गॉन' नहीं चली, तो वे उसके सीक्वल बनाने को लेकर कतई उत्सुक नहीं हैं। वे कहते हैं, 'लोगों को फिल्म का सेकंड हाफ पसंद नहीं आया। शायद जॉम्बी मूवी का कॉन्सेप्ट हमने समय से पहले इंडिया में लॉन्च कर दिया। निर्माता बनने के बाद से पाई-पाई की जिम्मेदारी रखना आ गया है। पहले मैं प्रोड्यूसर की जिम्मेदारियों से वाकिफ नहीं था। 'लव आज कल' की मेकिंग के दौरान समय की कीमत मैंने समझी। प्रोड्यूसर की जिम्मेदारियां मैंने समझी। हम 'लव आज कल' की शूटिंग लंदन में कर रहे थे। विदेश में शूटिंग करना आसान नहीं होता है। उस दौरान मुझे पता चला कि फिल्म प्रोडक्शन लंबे समय तक चलने वाले युद्ध की तरह होता है। इस युद्ध को लड़ने की तैयारी के साथ हर दिन आप फिल्म के सेट पर जाते हैं। शॉट ओके हो गया, मतलब आप उस दिन युद्ध में जीत गए। वास्तव में बड़ा मुश्किल काम है फिल्म बनाना।'
(मुंबई प्रतिनिधि)