जागरण फिल्म फेस्टिवल: सिनेमा और 'मास्टर क्लासेस' को मिल रही है सिनेप्रेमियों की खूब सराहना
श्याम बेनेगल की ‘निशांत’ , गिरीश कासरवल्ली की डाक्यूमेंट्री ‘लाइफ इन मेटॅमार्फोसिस’ और कन्नड फिल्म ‘थाये साहेब’ भी ख़ास आकर्षण रहे।
मुंबई। मुंबई में चल रहे सातवें जागरण फिल्म फेस्टिवल में देश दुनिया की कई बेहतरीन फिल्मों और सिनेमा पर हो रहे डिस्कशन को सिनेप्रेमियों का जमकर प्रतिसाद मिल रहा है।
फेस्टिवल का तीसरा दिन कई बेहतरीन फिल्मों की वजह से रोचक और आकर्षक रहा। स्पेनिश क्लासिक 'स्ट्रॉबेरी एन्ड चॉकलेट' वियतनामी फिल्म 'यलो फ्लोवर्स ऑन ग्रीन ग्रास', स्पेनिश फिल्म 'ईडिपस किंग', इटालियन फिल्म, ‘दि सरप्राइज’, फर्नांडो पेरेस की स्पेनिश फिल्म ‘सुइट हबाना’, और लुकास बोसुयत की डच फिल्म, ‘दि सम ऑफ हिस्टोरिज’, की स्क्रीनिंग में काफी संख्या में दर्शक जुटे।
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यही नहीं बंगाली फिल्म ‘चोलाय’, रजत कपूर की ‘प्राइवेट डिटोक्टिव’, मराठी फिल्म ‘सैराट’, बंगाली फिल्म ‘अतिन एला और चार अध्याय’, और ‘ भल्ला एट हल्ला डॉट कॉम’, के अलावा सोनम कपूर की ‘नीरजा’ ने सिनेप्रमियों को खुश किया। पुनरावलोकन / श्रद्धांजलि सेक्शन में वी शांताराम की फिल्म 'झनक झनक पायल बाजे' की स्क्रीनिंग भी हुई और साथ ही वी. शांताराम की बेटी मधुरा जसराज ने उन पर बनायी हुई ‘पोट्रेट ऑफ अ पायोनिअर’ नाम की डॉक्युमेंट्री भी दिखायी ।
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श्याम बेनेगल की ‘निशांत’ , गिरीश कासरवल्ली की डाक्यूमेंट्री ‘लाइफ इन मेटॅमार्फोसिस’ और कन्नड फिल्म ‘थाये साहेब’ भी तीसरे दिन के ख़ास आकर्षण रहे। सिने प्रेमियों के उत्साह के बारे में फेस्टिवल के सलाहकार, मनोज श्रीवास्तव कहते हैं, “यह फेस्टिवल युवा पीढ़ी को फिल्म निर्माण की प्रक्रिया और सिनेमा के अलग अलग प्रारूपों को समझने का मौका देता हैं।युवाओं को इसमें हिस्सा लेते देखकर अच्छा लगता हैं।“