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एक्टर नहीं, क्रिकेटर बनना चाहते थे सुनील शेट्टी

बॉलीवुड में ऐसे बहुत कम एक्टर हैं, जिन्होंने अपने नेगेटिव और हास्य किरदारों से दर्शकों को अपना दीवाना बनाया और स्टार का दर्जा हासिल किया। सुनील शेट्टी भी इनमें से एक हैं। आज 52 बरस के हो रहे सुनील शेट्टी के बारे में कम लोग जानते हैं कि वह असल में फिल्म अभिनेता नहीं, बल्कि क्रिकेटर बनना चाहते

By Edited By: Published: Sun, 11 Aug 2013 11:31 AM (IST)Updated: Tue, 13 Aug 2013 03:00 PM (IST)
एक्टर नहीं, क्रिकेटर बनना चाहते थे सुनील शेट्टी

नई दिल्ली। बॉलीवुड में ऐसे बहुत कम एक्टर हैं, जिन्होंने अपने नेगेटिव और हास्य किरदारों से दर्शकों को अपना दीवाना बनाया और स्टार का दर्जा हासिल किया। सुनील शेट्टी भी इनमें से एक हैं। आज 52 बरस के हो रहे सुनील शेट्टी के बारे में कम लोग जानते हैं कि वह असल में फिल्म अभिनेता नहीं, बल्कि क्रिकेटर बनना चाहते थे।

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धड़कन के सीक्वल में नजर आएंगे सुनील

कर्नाटक के मैंगलोर में जन्मे सुनील शेट्टी ने बॉलीवुड में शुरुआत 1992 में फिल्म 'बलवान' से की। इस फिल्म में सुनील शेट्टी ने जबरदस्त एक्शन दृश्यों से दर्शकों को रोमांचित तो कर दिया, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म कमाल नहीं कर सकी। इस एक्शन स्टार को असली पहचान 1994 में रिलीज हुई फिल्म मोहरा से मिली। यह फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई और यहां से उनका करियर चल निकला।

जो सुनील क्रिकेटर बनना चाहता था, वह कैसे एक्टर बन गया, यह सब उनकी नियति का ही कमाल था। बतौर सुनील, 'मुझे एक्टिंग का बिल्कुल शौक नहीं था। मुझ पर तो देश के लिए खेलने और क्रिकेटर बनने की धुन सवार थी। एक खिलाड़ी का शरीर लचीला होता है। मैंने भी अपनी बॉडी को लचीली बनाने के लिए मार्शल आ‌र्ट्स सीखा। लेकिन मार्शल आ‌र्ट्स काम आया एक्शन हीरो बनने में। मुझे साजिद नाडियावाला और राजू मवानी की फिल्म में बतौर एक्शन हीरो ही पहला ब्रेक मिला।'

मोहरा की सफलता ने सुनील शेट्टी को बॉलीवुड में एक एक्शन हीरो के रूप में स्थापित कर दिया। इसके बाद उन्हें ऐसी ही भूमिकाएं मिलीं। रक्षक, टक्कर और सपूत जैसी फिल्मों में उन्होंने अपनी एक्शन हीरो की इमेज को भुनाने की कोशिश की।

सुनील शेट्टी की काबिलियत सिर्फ मार-धाड़ और स्टंट दिखाने तक सीमित नहीं रही। 13 साल पहले रिलीज हुई फिल्म हेराफेरी में उन्होंने दर्शकों को हंसा-हंसा कर लोटपोट कर दिया। प्रियदर्शन की यह फिल्म सुनील के करियर में मील का पत्थर साबित हुई। 6 साल बाद इसका सीक्वल 'फिर हेराफेरी' के नाम से आया और इसमें भी सुनील शेट्टी, अक्षय कुमार और परेश रावल की त्रिमूर्ति ने अपना कमाल दिखाया। इस बीच अक्षय कुमार और शिल्पा शेट्टी के साथ आई उनकी फिल्म धड़कन ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल दिखा चुकी थी। भले ही सुनील का इसमें नेगेटिव किरदार था, फिर भी वह फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने में कामयाब रहे। उन्हें सर्वश्रेष्ठ खलनायक के लिए यह पुरस्कार मिला। मोहरा, हेराफेरी और धड़कन के अलवा भी सुनील शेट्टी और अक्षय कुमार की जोड़ी ने 'वक्त हमारा है', 'सपूत', 'आवारा पागल दीवाना' और 'फिर हेराफेरी' समेत कई यादगार फिल्में कीं।

सुनील शेट्टी ने निर्माता के तौर पर भी किस्मत आजमाई। उन्होंने खेल, रक्त और भागमभाग बनाई, लेकिन निर्माता के तौर पर उनका जादू चल नहीं पाया। जेपी दत्ता की जिस बॉर्डर फिल्म में उनके रोल के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है, अब उसका सीक्वल बन रहा है। उम्मीद करते हैं कि बॉर्डर 2 से सुनील शेट्टी फिर से बड़े पर्दे पर धमाकेदार वापसी करेंगे।

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