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काजोल: सादगी ही इनकी पहचान है

वह न तो गोरी-चिट्टी हैं और न ही जबदरस्ती का अंग प्रदर्शन करती है, सादगी ही उनकी पहचान है, फिर भी बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में उनका नाम है। अगर आप अब भी नहीं समझे तो बता दें, हम बात कर रहे हैं हिंदी फिल्मों की चुलबुली और नटखट अभिनेत्री काजोल की, जो आज 3

By Edited By: Published: Mon, 05 Aug 2013 10:45 AM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2013 04:03 PM (IST)
काजोल: सादगी ही इनकी पहचान है

मुंबई। वह न तो गोरी-चिट्टी हैं और न ही जबदरस्ती का अंग प्रदर्शन करती है, सादगी ही उनकी पहचान है, फिर भी बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में उनका नाम है। अगर आप अब भी नहीं समझे तो बता दें, हम बात कर रहे हैं हिंदी फिल्मों की चुलबुली और नटखट अभिनेत्री काजोल की, जो आज 39 साल की हो गई हैं।

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नहीं देखीं मां और मौसी की फिल्में

पिछले दो दशकों से बॉलीवुड में लंबी पारी खेल रही इस अभिनेत्री के बाद पता नहीं कितनी ही एक्ट्रेस आई और गुमनाम हो गई, लेकिन काजोल देवगन का जलवा आज भी कायम है। लोग कहते हैं एक्टिंग इनके खून में हैं, क्योंकि इनके पिता शोमू मुखर्जी फिल्म निर्माता थे और मां तनूजा अभिनेत्री। हिंदी फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री नूतन इनकी मौसी थीं और यहां तक कि इनकी नानी शोभना समर्थ भी बेहतरीन अदाकारा रहीं। लेकिन खुद काजोल के मुताबिक उनके ऊपर अपने घर के फिल्मी माहौल का कोई खास असर नहीं पड़ा।

काजोल बताती हैं, 'मैं अपनी मां और मौसी की फिल्में ज्यादा नहीं देखती थीं इसलिए मुझ पर उनका कोई असर नहीं पड़ा। फिल्म में मां को रोता देख मुझे रोना आता था और इसलिए मैं मौसी की फिल्में भी नहीं देखती थीं।'

काजोल को 16 साल की उम्र में फिल्मों में पहला ब्रेक 'बेखुदी' से मिल गया था। हैरानी की बात है कि तब तक उन्होंने मुश्किल से 10-11 फिल्में ही देखी होंगी।

बाजीगर से मिलती सफलता

काजोल की पहली फिल्म तो नहीं चली, लेकिन उसके बाद उन्हें फिल्मों के ऑफर मिलने शुरू हो गए। फिल्मों के चक्कर में उन्होंने पढ़ाई भी छोड़ दी। फिल्म 'बाजीगर' से उन्होंने सफलता का पहला स्वाद चखा। इस फिल्म में शाहरुख भी थे। तब किसे पता था कि शाहरुख और काजोल की जोड़ी बॉलीवुड की सबसे बेहतरीन जोड़ी बन जाएगी। इसके बाद तो दोनों ने 'दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे', 'कुछ-कुछ होता है' और 'कभी खुशी कभी गम' जैसी सुपरहिट फिल्मों से इतिहास रच दिया।

करियर से पहले परिवार

ज्यादातर अभिनेत्रियां जहां अपने करियर के ढलान पर घर बसाती है, वहीं काजोल ने करियर के पीक पर होते हुए अजय देवगन से प्रेम विवाह किया। काजोल कहती हैं, 'मैं महत्वाकांशी नहीं हूं, मेरे लिए मेरा परिवार पहले है।' शादी के बाद आम तौर पर हिंदी फिल्मों में हीरोइनों का करियर लगभग खत्म मान लिया जाता है, लेकिन दो बच्चों न्यासा और युग की मां काजोल ने शादी के बाद भी 'फना', 'माई नेम इज खान' और 'कभी खुशी कभी गम' समेत कई हिट फिल्में दीं। काजोल के नाम अपनी सबसे ज्यादा पांच बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्फेयर पुरस्कार पाने का रिकॉर्ड है। उन्होंने यह रिकॉर्ड बनाकर अपनी मौसी नूतन की बराबरी की।

काजोल उन महिलाओं के लिए भी प्रेरणा है, जिन्हें लगता है कि उनका करियर परिवार से पहले है। उनके जन्मदिन पर हम दुआ करेंगे कि बड़े पर्दे पर उनकी फिल्मी पारी इसी तरह चलती रहे और वह लाखों दिलों की धड़कन बनी रहें।

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