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गुटबाजी से उत्तराखंड कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष की घोषणा में देरी

विधानसभा चुनाव में करारी हार से भी कांग्रेस ने सबक नहीं सीखा। नेता प्रतिपक्ष तय करने में भी पार्टी के पसीने छूट रहे हैं। गुटबाजी के चलते पार्टी कोई निर्णय नहीं हो पा रही है।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 23 Mar 2017 12:42 PM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 04:30 AM (IST)
गुटबाजी से उत्तराखंड कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष की घोषणा में देरी

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: विधानसभा चुनाव में करारी हार से भी कांग्रेस ने सबक नहीं सीखा। नेता प्रतिपक्ष तय करने में भी पार्टी के पसीने छूट रहे हैं। अंदरखाने पार्टी नेताओं में खींचतान के चलते नेता प्रतिपक्ष के चयन में अड़ंगा लग रहा है। 

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इस पद पर ऐसे व्यक्ति को बिठाने की कोशिश हो रही है कि चुनाव में हार की समीक्षा को लेकर पिछली सरकार और संगठन किसी तरह निशाने पर न आ सकें। केंद्रीय नेताओं के साथ लॉबिंग में भी इसी रणनीति पर अमल किया गया है। 

उधर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से 28 मार्च को नई दिल्ली में बैठक बुलाने के बाद राज्य में पार्टी दिग्गजों के चेहरे का रंग उड़ा हुआ है। राहुल राज्य में पार्टी की बुरी तरह हार के कारणों की समीक्षा करेंगे।

राज्य में चुनावों में शर्मनाक हार के बाद भी कांग्रेस में अंदरूनी गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। 

फिलवक्त ये गुटबाजी नेता प्रतिपक्ष को लेकर चरम पर है। इस वजह से पार्टी इस पद पर किसी नाम की घोषणा नहीं कर पाई है। पार्टी सूत्रों की मानें तो यह पद ऐसे नेता को सौंपा जा सकता है जो पिछली सरकार और प्रदेश संगठन पर हार को लेकर हावी न हो सके। 

गौरतलब है कि हार के कारणों की समीक्षा को लेकर राज्य में पार्टी के दिग्गज नेता कन्नी काटते नजर आ रहे हैं। इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की विस्तारित बैठक टाली जा चुकी है। इससे पहले पार्टी प्रत्याशियों और पर्यवेक्षकों की बैठक में हार को लेकर विभिन्न स्तरों पर गुस्सा जाहिर किया जा चुका है। 

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक महामंत्री तो प्रदेश इकाई की विस्तारित बैठक बुलाने की मांग कर चुके हैं। यही नहीं, प्रदेश कांग्र्रेस कमेटी की ओर से राज्यभर से बुलाए गए जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों की बैठक को गोपनीय रखने की कोशिश की गई। इस बैठक को प्रदेश मुख्यालय से 45 किमी दूर स्वर्गाश्रम क्षेत्र में रखा गया। 

सूत्रों की मानें तो नेता प्रतिपक्ष के चयन में देरी के पीछे पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी है। पार्टी के पराजित और विजयी कई विधायकों में इस बार चुनाव के लिए अपनाई गई रणनीति और चुनाव प्रबंधन को लेकर खासा रोष रहा है। 

इस असंतोष को देखते हुए पार्टी नेताओं की ओर से बीते दिनों हार का ठीकरा पूरी तरह ईवीएम पर फोडऩे से गुरेज नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक 28 मार्च को नई दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बैठक बुलाई है। 

इसमें राज्य में पार्टी की हार के कारणों की समीक्षा होनी है। सूत्रों की मानें तो हार के कारणों को लेकर पार्टी की अंदरूनी बातें सार्वजनिक न हों, इसे देखते हुए जिलाध्यक्षों की बैठक में भी बकायदा नसीहत दी गई।

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