उत्तराखंड: अंबिका-शैलजा सुलझाएंगी नेता विपक्ष का मसला
कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी और विधानसभा चुनाव प्रभारी कुमारी शैलजा रविवार को दून पहुंचकर नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करेंगी। साथ ही नेता विपक्ष का मसला सुलझाएंगी।
By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 11:12 AM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 04:03 AM (IST)
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर पसीना-पसीना हो रही कांग्रेस ने भाजपा से डिप्टी स्पीकर पद मांगा है। चुनाव में करारी हार के चलते विधानसभा में महज 11 सदस्यों तक सिमट गई पार्टी की इस कसरत को नेता प्रतिपक्ष को लेकर अंदरखाने बने गतिरोध से ध्यान हटाने की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है। वहीं नेता प्रतिपक्ष चुनने में पैदा हुए गतिरोध को दूर करने पार्टी की प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी और विधानसभा चुनाव प्रभारी कुमारी शैलजा रविवार को दून पहुंचकर नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करेंगी।
विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद एक पखवाड़ा गुजर चुका है, लेकिन कांग्रेस राज्य में नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई है। चुनाव में शर्मनाक हार के बावजूद पार्टी में गुटीय खींचतान खत्म नहीं हो सकी है। अब यही खींचतान नेता प्रतिपक्ष के सर्वसम्मति से चयन में बाधक बनी हुई है। बीते रोज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के विदेश दौरे से लौटने के बाद भी नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं हो पाया।
नेता प्रतिपक्ष का चयन अनुभवी और वरिष्ठ विधायकों में से हो या युवा चेहरे को मौका मिले, इसे लेकर गतिरोध बना हुआ है। इसमें देरी और ऊहापोह दूर करने से पार्टी को किरकिरी झेलनी पड़ रही है। इस मामले में अब पार्टी हाईकमान को हस्तक्षेप करना पड़ा है। लिहाजा कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी और विधानसभा चुनाव प्रभारी कुमारी शैलजा रविवार को दोपहर नई दिल्ली से दून पहुंचेंगी।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में उक्त दोनों नेत्रियां पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करेंगी। बैठक के बाद वे प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात कर उनका फीडबैक लेंगी।
उधर, नेता प्रतिपक्ष को असमंजस में फंसी प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने विधानसभा में उपाध्यक्ष पद की मांग सरकार और भाजपा से की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि भाजपा प्रचंड बहुमत से जीत कर आई है, लिहाजा उन्हें अच्छी परंपरा रचते हुए उक्त पद कांग्रेस को देना चाहिए।
कांग्रेस अपने कार्यकाल में यह अच्छी परंपरा क्यों नहीं अमल कर पाई, इस प्रश्न का वह ठोस जवाब नहीं दे सके। प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक ममता राकेश को धमकी दिए जाने की शिकायत डीजीपी से की। साथ ही उन्होंने सरकार पर पार्टी के विधायकों को डराने का आरोप लगाया।
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