Punjab Election 2017: कैप्टन अमरिंदर ने कहा, हार से डर गई है आप
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ईवीएम की सुरक्षा को लेकर आम आदमी पार्टी द्वारा सवाल उठाए जाने को उसकी बौखलाहट और हार का डर करार दिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म हो चुका है और चुनाव परिणाम के लिए 11 मार्च का इंतजार है। इसी बीच, राजनीतिक दलाें के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हाे गया है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी द्वारा दी जा रही प्रतिक्रियाओं को उसकी बौखलाहट करार दिया है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी में अपनी निश्चित हार के डर से डर गए हैं।
पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर कैप्टन अमरिंदर ने यहां कहा कि आम आदमी पार्टी को पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर शक जताने पर न्यायपालिका तक ने फटकार लगाई और अब आप ईवीएम स्ट्रांग रूम में अपने कैमरे लगाने जैसी हास्यास्पद मांगें कर रही है। कांग्रेस के पक्ष में रिपोर्टों के मद्देनजर यह साफतौर पर आप द्वारा बिना सोचे समझे दी जा रही प्रतिक्रियाएं हैं।
यह भी पढ़ें: 'आप' की याचिका पर हाई कोर्ट ने कहा- पब्लिसिटी के लिए न करें शिकायत पहले से स्ट्रांग रूम के अंदर निगरानी रखने के लिए बड़ी एलईडी स्क्रीनें लगी होने के बावजूद पटियाला शहरी में कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोधी आप उम्मीदवार डा. बलबीर सिंह द्वारा चुनाव आयोग से विधानसभा क्षेत्र के ईवीएम स्ट्रांग रूम के भीतर अपने सीसीटीवी कैमरे लगाने संबंधी मांग की है। इसी पर कैप्टन अमरिंदर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की मांग आम आदमी पार्टी के डर को इंगित करता है। यह भी पढ़ें: पंजाब विधानसभा चुनाव: एलईडी पर देख सकेंगे स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम कैप्टन ने कहा कि चुनावी दौर में सभी उम्मीदवारों व पार्टियों का अधिकार व जिम्मेदारी है कि वह ईवीएम की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग को सहयोग दें। लेकिन, आप के रुख से स्पष्ट है कि उसने सच्चाई को पढ़ लिया है और अब वह ऐसे मुद्दे उठाकर अपनी हार पर स्पष्टीकरण देने के लिए तैयारी कर रही है। कैप्टन ने आप व इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की हर तरह के छोटे-छोटे मुद्दों पर चुनाव आयोग के साथ भिड़ने की आदत की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह आदत देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति उनके द्वारा अनादर दर्शाती है। देश के राजनीतिक परिदृश्य में ऐसी पार्टियों का उदय दुर्भाग्यपूर्ण है और लोकतांत्रिक वातावरण को बर्बाद होने से बचाने हेतु इन पर शुरूआत में ही लगाम लगाना जरूरी है।