MP Election Result 2018 : जानें बतौर सीएम कैसा रहा शिवराज का सियासी सफर
MP Election Result 2018 : मध्यप्रदेश की सत्ता में भाजपा 15 साल तक काबिज रही,बतौर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 13 सालों तक प्रदेश की कमान संभाली। उनके कार्यकाल के दौरान कई उतार चढ़ाव भी आए।
भोपाल। मध्यप्रदेश में किसकी सरकार बनेगी इसकी तस्वीर अब पूरी तरह साफ हो गई है। पिछले डेढ दशक से प्रदेश में सत्ता से दूर रही कांग्रेस अब अपनी सरकार बनाने जा रही है। 15 साल तक प्रदेश की सत्ता पर राज करने वाली भाजपा की राजनीति लगभग 13 सालों तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इर्द गिर्द ही घूमती नजर आई।
मध्यप्रदेश के 17 वें सीएम के तौर पर शिवराज सिंह चौहान ने 29 नवंबर 2005 को प्रदेश सत्ता का दामन थामा था। उन्हें पार्टी ने मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर को हटाकर प्रदेश की कमान सौंपी थी। जिस वक्त पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान को कमान सौंपी उस वक्त किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि वे प्रदेश की सत्ता में इतनी लंबी पारी खेलेंगे।
लगभग 13 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान के सफर में कई राजनीतिक उतार चढ़ाव भी नजर आए। हालांकि उनकी जनता से सीधे रुबरू होने की खासियत और किसान पुत्र होने का उन्हें बहुत लाभ मिला।
प्रदेश की जनता के बीच मामा की छवि गढ़ी
अपने पहले कार्यकाल के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने साल 2006 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और साल 2007 में लाड़ली लक्ष्मी योजना की शुरुआत की। इन दोनों योजनाओं को प्रदेश की जनता से खूब सराहना मिली, इतना ही नहीं इन योजनाओं की सफलता पर उन्हें अन्य राज्यों में भी शुरु किया गया। इस बीच महिला हितैषी योजनाओं के दम पर शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की महिलाओं के बीच भाई और बेटियों के बीच मामा की छवि गढ़ी।
डंपर कांड और व्यापमं घोटाले में उलझे
शिवराज सिंह चौहान सीएम के अपने कार्यकाल के दौरान कई बार विवादों में भी आए। प्रदेश में हुआ व्यापमं घोटाला और डंपर कांड में उनका और उनके परिवार के लोगों का नाम आने से उनकी कई सालों तक मुश्किलें बढ़ी रही। विपक्ष ने इन दोनों मुद्दों पर उन्हें कई बार घेरने की कोशिश की। हालांकि इन दोनों ही मामलों में कोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट दे दी।
किसान का बेटा बनकर हासिल की सत्ता
शिवराज सिंह चौहान पहली बार बुधनी में उपचुनाव के जरिये सदन में पहुंचकर सीएम बने थे। इसके बाद साल 2008 और 2013 में बुधनी विधानसभा से ही चुनाव लड़कर एक बार फिर उन्होंने सत्ता की सीढ़ी चढ़ी थी। साल 2008 में अपनी जन हितैषी योजनाओं के दम पर सत्ता में आए शिवराज सिंह चौहान को साल 2013 में सत्ता में आने के लिए काफी जोड़ तोड़ करना पड़ी थी। ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की बढ़ती नाराजगी को उन्होंने खुद किसान का बेटा होने और किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं लाने का वादा कर दूर किया था।
13 सालों तक भाजपा की राजनीति शिवराज के इर्द गिर्द घूमीं
प्रदेश में लगभग 13 सालों तक मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज सिंह चौहान पार्टी में बतौर सीएम निर्विवाद चेहरा रहे। इसकी बड़ी वजह जनता के बीच उनकी स्वीकार्यता और पार्टी के पास शिवराज के बराबर का कोई चेहरा नहीं होना रही। इसके चलते भारी खींचतान के बावजूद भी इस बार प्रदेश के चुनाव भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर ही लड़ा।