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MP Election 2018: जिसे मिलती है इस सीट पर जीत, उसी की बनती है सरकार

MP Election 2018: पिछले 14 विधानसभा चुनावों में इस सीट पर बना है हमेशा ये संयोग।

By Saurabh MishraEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 03:26 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 03:26 PM (IST)
MP Election 2018: जिसे मिलती है इस सीट पर जीत, उसी की बनती है सरकार
MP Election 2018: जिसे मिलती है इस सीट पर जीत, उसी की बनती है सरकार

विनय वर्मा, बैतूल। जिले की बैतूल विधानसभा सीट से एक मिथक जुड़ा हुआ है। इसे संयोग कहा जाए या फिर कोई अन्य कारण, लेकिन इस सीट से जिस भी दल को मतदाता जीत दिलाते हैं, प्रदेश में वही दल सरकार बनाने में कामयाब होता है। पिछले 14 विधानसभा चुनाव के नतीजों से इस संयोग को बल भी मिलता है। यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों द्वारा बैतूल सीट से प्रत्याशी का चयन करने और चुनाव लड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं।

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बीते विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो प्रदेश में वर्ष 1962 में कांग्रेस के द्वारका प्रसाद मिश्र की सरकार बनी थी और उस समय बैतूल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के दीपचंद गोठी विधायक चुने गए थे। वर्ष 1967 में जब संविद सरकार बनी तो बैतूल से जीडी खंडेलवाल विधायक चुने गए थे। वर्ष 1972 में बैतूल के मतदाताओं ने कांग्रेस के मारोति पांसे को विधायक चुना था, तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और प्रकाशचंद सेठी मुख्यमंत्री बने थे। वर्ष 1977 में जब भाजपा की सरकार बनी तो बैतूल की जनता ने भाजपा से जुड़े माधव नासेरी को विधायक चुना था। हालांकि स्व. नासेरी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।

वर्ष 1980 के विधानसभा चुनाव में बैतूल विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने डॉ. अशोक साबले को विधायक चुना था और प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार बनी और अर्जुनसिंह मुख्यमंत्री बने थे। वर्ष 1985 में भी कांग्रेस के अशोक साबले बैतूल विधानसभा सीट से विधायक चुने गए और प्रदेश में मोतीलाल वोरा के नेतृत्व में कांग्रेस की ही सरकार काबिज हुई थी। वर्ष 1990 में बैतूल विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने भाजपा प्रत्याशी भगवत पटेल को विधायक चुना तो प्रदेश में भाजपा के सुंदरलाल पटवा मुख्यमंत्री बने थे।

वर्ष 1993 में एक बार फिर बैतूल के मतदाताओं ने कांग्रेस के डॉ. अशोक साबले को विधायक चुना तो दिग्विजय सिंह की सरकार प्रदेश में काबिज हुई थी। वर्ष 1998 के चुनाव में कांग्रेस ने विनोद डागा को मैदान में उतारा और बैतूल के मतदाताओं ने उन्हें जीत दिलाई तो प्रदेश में दूसरी बार कांग्रेस के दिग्विजय सिंह की सरकार बनी थी।

वर्ष 2003 में बैतूल विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने भाजपा के शिवप्रसाद राठौर को विधायक चुना तो उमा भारती की सरकार प्रदेश की सत्ता पर काबिज हो गई। वर्ष 2008 में बैतूल विधानसभा सीट से भाजपा के अलकेश आर्य जीतने में सफल रहे और प्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार काबिज हुई।

वर्ष 2013 में भाजपा के हेमंत खंडेलवाल को बैतूल विधानसभा सीट से जीत मिली थी और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। अब इस बार यह मिथक कायम रह पाता है या नहीं, यह मतगणना के बाद पता चलेगा। बहरहाल जिले ही नहीं, बल्कि प्रदेश में भी राजनीति की समझ रखने वाले लोग बैतूल के मिथक पर आश्चर्य करते हैं।  


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