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MP Election 2018 : इस बार चुनाव नतीजे आने में हो सकता है विलंब

MP Election 2018 : नतीजे आने के बाद उन्हें घोषित करने से पहले अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर लिए जाएंगे।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 07:44 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 07:44 PM (IST)
MP Election 2018 : इस बार चुनाव नतीजे आने में हो सकता है विलंब

भोपाल। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में कुछ देर हो सकती है। कांटे का मुकाबला होने की वजह से दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा ने प्रत्याशियों को हर राउंड की गणना पर पैनी निगाह रखने के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि मतगणना को लेकर जमकर आपत्तियां होंगी। वहीं, बारकोडेड सिस्टम होने से सर्विस वोटर के मतों को गिनने में भी वक्त लगेगा।

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मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि ईवीएम से मतों की गिनती बहुत तेजी से होती है। नतीजे आने के बाद उन्हें घोषित करने से पहले अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर लिए जाएंगे। दोनों ने प्रत्याशियों को हिदायत दी है कि जब तक पूरी तरह संतुष्ट न हों, आगे की मतगणना शुरू न होने दें।

माना जा रहा है कि जहां मुकाबला नजदीकी रहेगा, वहां आपत्तियां भी जमकर होंगी। इसके लिए दोनों दलों ने बड़ी तादाद में वकीलों को तैनात किया है। वहीं, इस बार 62 हजार 172 सर्विस वोटरों को बारकोड वाले मतपत्र दिए गए हैं। इनकी गिनती के लिए स्कैनर लगाए गए हैं। मत को स्कैन करने के पहले लिफाफा स्कैन होगा।

यदि बारकोर्ड सही है तो ही उसे खोला जाएगा। घोषणा पत्र में दिए गए नंबर का मिलान लिफाफे में दर्ज नंबर से होगा। यदि दोनों नंबर समान होंगे, तभी मतपत्र वाले लिफाफे को खोलकर मत गिना जाएगा।  

बारकोड को रीड करने में भी लगेगा समय

प्रदेश में इस बार 62 हजार 172 सर्विस वोटर को बारकोडेड डाक मतपत्र दिए गए हैं। यह कदम इसलिए उठाया गया, ताकि वास्तविक मतदाता ही मतपत्र को डाउनलोड कर सकें। इसके लिए उसे एक पिन नंबर दिया गया। इसका प्रयोग करके वो मतपत्र को डाउनलोड कर सकता है। स्पीड पोस्ट से इन मतपत्रों को भेजा जाना है। इसमें दो लिफाफे और एक घोषणा पत्र रहेगा। पहले लिफाफे के ऊपर बारकोड रहेगा। इसे मतगणना केंद्र में स्कैन किया जाएगा। सही होने पर लिफाफे को खोलकर घोषणा पत्र देखा जाएगा। इसमें सही नंबर लिखा होने पर दूसरे लिफाफे, जिसमें मतपत्र होगा, को खोलकर गणना में शामिल किया जाएगा। सर्विस वोटर में सेना, सशस्त्र बल और दूसरे देशों में स्थित दूतावास में काम करने वाले जवान, अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं। इस नई व्यवस्था में मतों की गिनती में समय लग सकता है। इसका असर नतीजे पर पड़ने की पूरी संभावना जताई जा रही है। 


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