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MP Election 2018 : आरोपों में ही छाया है वंशवाद, टिकट बांटने में नहीं

MP Election 2018 : दोनों ही पार्टियां वंशवाद को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाती हैं, लेकिन टिकट वितरण में सब साफ हो गया।

By Saurabh MishraEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 10:37 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 10:37 AM (IST)
MP Election 2018 : आरोपों में ही छाया है वंशवाद, टिकट बांटने में नहीं
MP Election 2018 : आरोपों में ही छाया है वंशवाद, टिकट बांटने में नहीं

मनोज तिवारी, भोपाल। भाजपा और कांग्रेस को वंशवाद से परहेज है। दोनों पार्टियां इसे मुद्दा बनाकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाती हैं, लेकिन जब नेताओं के परिजनों को टिकट देने की बात आती है, तो दोनों ही पार्टी अपने विचारों से समझौता कर लेती हैं।

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इस बार भी दोनों पार्टियों ने दशकों से सक्रिय तीन दर्जन से ज्यादा नेताओं के परिजनों को टिकट देकर विरोध से बचने की कोशिश की है।

पार्टी ने सांची विधानसभा क्षेत्र से सात बार विधायक रहे डॉ. गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार को प्रत्याशी बनाया है। डॉ. शेजवार ने करीब छह महीने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। इंदौर-तीन से पार्टी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को टिकट दिया गया है।

ऐसे ही पार्टी ने राजधानी की गोविंदपुरा सीट से 10 बार विधायक बने और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर को टिकट दिया है। इस टिकट को लेकर पार्टी में भारी विरोध था। इन सीटों से नए दावेदार मैदान में थे और सभी वंशवाद का खुलकर विरोध कर रहे थे, लेकिन सीट बचाने के लिए पार्टी को आखिर में इन नेताओं की बात माननी पड़ी।

कांग्रेस में भी ऐसे ही हालात हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के परिवार से तो तीन सदस्य मैदान में हैं। उनके बेटे जयवर्द्धन सिंह राघौगढ़ और छोटे भाई लक्ष्मण सिंह चांचौड़ा से प्रत्याशी बनाए गए हैं। जबकि उनके रिश्तेदार प्रियवृत सिंह खींची खिलचीपुर से कांग्रेस प्रत्याशी हैं। पार्टी ने झाबुआ सीट से पार्टी के कद्दावर नेता कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को टिकट दिया है।

इनका कहना है

भाजपा का प्रदेश नेतृत्व और चुनाव समिति ने जीत की संभावना के आधार पर टिकट दिए हैं। टिकट चयन में किसी नेता के रिश्तेदार या परिवार के सदस्य होने के नाते किसी को कोई तवज्जो नहीं मिलती। टिकट मिलने का एक मात्र आधार पर जीत है। उसी कसौटी के आधार पर पार्टी ने टिकट दिए हैं।

- डॉ. दीपक विजयवर्गीय, मुख्य प्रवक्ता, भाजपा


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