MP Election 2018: MP की वित्तीय स्थिति पर श्वेतपत्र लाएगी कांग्रेस सरकार
Madhya Pradesh Election 2018 : अधिकारियों ने कांग्रेस के किसानों की कर्जमाफी के वचन को जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी है।
भोपाल। कांग्रेस सरकार कामकाज संभालने के साथ ही खजाने की हालत जनता को बताने के लिए श्वेतपत्र लाएगी। नए मुख्यमंत्री के सामने वित्तीय स्थिति को लेकर प्रेजेंटेशन होगा। इसके लिए सभी विभागों को अपनी-अपनी स्थिति को लेकर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात की।
वहीं, मंत्रालय में कांग्रेस के वचन पत्र के प्रमुख मुद्दे कर्जमाफी पर होमवर्क शुरू हो गया। इसको लेकर मंत्रालय में बैंकर्स और वरिष्ठ अधिकारियों की बुधवार को बैठक हुई।
नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती सरकार के खराब वित्तीय हालात हैं। प्रदेश के ऊपर पौने दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। कर्मचारियों को सातवां वेतनमान और एरियर देने, अध्यापकों के संविलियन, भावांतर भुगतान, किसानों को प्रोत्साहन राशि देने, संबल योजना सहित अन्य योजनाओं के चलते सरकार का खर्च बहुत बढ़ गया है।
वहीं, जीएसटी लागू होने और पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने से आय घटी है। विकास योजनाओं के खर्च की पूर्ति के लिए रिजर्व बैंक के जरिए बाजार से लगातार कर्ज लिया जा रहा है। ऐसी सूरत में कांग्रेस सरकार को अपने वचन पूरा करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधन की जरूरत होगी।
जीएसटी के कारण टैक्स लगाने के क्षेत्र बेहद सीमित हो गए हैं और तीन माह बाद लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में ऐसा कोई भी अलोकप्रिय फैसला नई सरकार नहीं करना चाहेगी। लिहाजा, खर्च में कटौती का कदम उठाया जा सकता है। इसके मद्देनजर ही सभी विभागों से वित्तीय हालात पर रिपोर्ट मांगी गई है।
सरकार जनता के सामने भी प्रदेश की माली हालत को श्वेतपत्र के जरिए रखेगी। वित्त विभाग ने भी इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के सामने वित्तीय स्थिति का प्रेजेंटेशन होगा। इसके बाद श्वेतपत्र के स्वरूप पर फैसला होगा।
उधर, अधिकारियों ने कांग्रेस के किसानों की कर्जमाफी के वचन को जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। इसको लेकर मंत्रालय में बुधवार को बैठक हुई। इसमें नाबार्ड, वाणिज्यिक बैंक, वित्त, सहकारिता और कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंथन किया। इस दौरान सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने सहकारी बैंकों से कर्ज की स्थिति का ब्योरा रखा। इसके अनुसार करीब 33 लाख किसान कर्जमाफी के दायरे में आएंगे।
इनमें 16 लाख नियमित और 17 लाख डिफॉल्टर किसान हैं। इनके ऊपर लगभग 17 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। डिफॉल्टर किसानों के कर्ज पर ब्याज लग रहा है, जबकि नियमित किसान को जून 2019 में कर्ज की अदायगी करनी है। 2008 में यूपीए सरकार की कर्जमाफी और राहत योजना के बारे में भी बैंकों से राय ली गई।