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Jharkhand Assembly Election 2019: आजसू का भाजपा से तालमेल न हुआ तो Plan B तैयार, जानें क्‍या है पार्टी की रणनीति

Jharkhand Assembly Election 2019. विपक्षी खेमे में तो इस बात की गुंजाइश शुरू से ही थी लेकिन सत्ताधारी दल भाजपा और आजसू पार्टी में भी सीटों को लेकर जिच की स्थिति बन गई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 07:15 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: आजसू का भाजपा से तालमेल न हुआ तो Plan B तैयार, जानें क्‍या है पार्टी की रणनीति
Jharkhand Assembly Election 2019: आजसू का भाजपा से तालमेल न हुआ तो Plan B तैयार, जानें क्‍या है पार्टी की रणनीति

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 - चुनाव से पूर्व राजनीति की पहली बिसात तो सहयोगी दलों के साथ सीटों के तालमेल को लेकर शुरू होती है। विपक्षी दलों से लड़ाई तो दूसरे चरण का हिस्सा है। झारखंड में पक्ष और विपक्ष दोनों की खेमों में सीटों के तालमेल को लेकर अब तक अनबन की स्थिति बनीं हुई है। विपक्षी खेमे में तो इस बात की गुंजाइश शुरू से ही थी, लेकिन सत्ताधारी दल भाजपा और आजसू पार्टी में भी सीटों को लेकर जिच की स्थिति बन गई है। दोनों ही खेमे फिलहाल एक दूसरे को लेकर प्रेशर पॉलिटिक्स की रणनीति अपना रहे हैं।

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लोकसभा चुनाव तक छोटे भाई और बड़े भाई की दुहाई देने वाले आजसू और भाजपा में विधानसभा चुनाव आते-आते दूरियां बढऩे लगी हैं। इस बार का विधानसभा चुनाव आजसू के वजूद से जुड़ा चुनाव है, इसलिए यह तो तय है कि वह सीटों के मामले में कदम पीछे नहीं खींचेगी। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उसे बैकफुट पर ढकेलते हुए महज आठ सीटें दी थीं, जिनमेें से उसे पांच हासिल हुई थी। जाहिर है, यदि सीटें अधिक मिलतीं, तो झारखंड विधानसभा में उसके विधायकों की संख्या कहीं अधिक हो सकती थी।

इस बात का अहसास पार्टी को चुनाव बीतने के बाद हुआ, इसलिए पुरानी भूल को दोहराने से आजसू परहेज करेगी। इसी को आधार बना आजसू ने प्लान ए और बी दोनों तैयार कर रखा है। सीटों को लेकर भाजपा से तालमेल हुआ तो ठीक, नहीं तो तयशुदा सीटों पर पार्टी अपना प्रत्याशी उतारेगी। संभव है कुछ सीटों पर फ्रेंडली फाइट की स्थिति बने। चुनाव के बाद वैसे भी भाजपा और आजसू को एक ही होना है।

आजसू का 20 सीटों पर दावा

आजसू ने इस बार 20 सीटों पर चुनाव लडऩे का दावा कर दिया है, जिसे भाजपा के प्रदेश नेतृत्व लक्ष्मण गिलुवा के स्तर से नकार दिया गया है। हालांकि, दोनों ही दलों के बीच प्रदेश स्तर पर अब तक कोई बैठक नहीं हुई है। आजसू प्रदेश स्तर पर इस संदर्भ में बैठक करने को राजी भी नहीं है। जाहिर है बातचीत दिल्ली में होगी।

इन सीटों पर आजसू का है दावा

सिल्ली, रामगढ़, जुगसलाई, टुंडी, तमाड़, चंदनकियारी, बड़कागांव, लोहरदगा, मांडू, गोमिया, पाकुड, पांकी, डुमरी, सिमरिया, सरायकेला, जरमुंडी, सिंदरी, हटिया और ईचागढ़। हालांकि, अब तक पार्टी की ओर से अधिकृत तौर पर इन सीटों को लेकर दावा नहीं किया गया है।

अर्जुन मुंडा से मिले सुदेश महतो

आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से मुलाकात की। जाहिर है दोनों नेताओं के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर ही चर्चा हुई है। आजसू के साथ सीटों के तालमेल को लेकर चर्चा दिल्ली में होगी और उस बैठक में मुंडा भी उपस्थित रहेंगे। ऐसे में इस बैठक के कई मायने निकाले जा रहे हैं।


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