Move to Jagran APP

Chhattisgarh: पीएम मोदी की मौजूदगी में 13 को CM की शपथ लेंगे विष्णुदेव साय, राज्य के लोगों को देंगे बोनस-आवास का तोहफा

Vishnu Deo Sai भाजपा विधायक दल की बैठक में विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया। राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन ने साय को सीएम नियुक्त कर दिया है। जानकारी के मुताबिकडॉ. रमन सिंह विधानसभा अध्यक्ष अरुण साव व विजय शर्मा उप मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में 13 दिसंबर तक शपथ ग्रहण होगा।

By Piyush KumarEdited By: Piyush KumarPublished: Mon, 11 Dec 2023 11:47 AM (IST)Updated: Mon, 11 Dec 2023 11:47 AM (IST)
Chhattisgarh: पीएम मोदी की मौजूदगी में 13 को CM की शपथ लेंगे विष्णुदेव साय, राज्य के लोगों को देंगे बोनस-आवास का तोहफा
पीएम नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में 13 दिसंबर को विष्णुदेव साय सीएम पद का शपथ लेंगे।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

संदीप तिवारी, रायपुर: छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री आदिवासी नेता विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai)  होंगे। रायपुर के प्रदेश भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में रविवार को हुई विधायक दल की बैठक में उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है।

loksabha election banner

अस्थाई मुख्यमंत्री निवास पहुंचे विष्णुदेव साय

इसके बाद साय ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल ने साय को मुख्यमंत्री नियुक्त कर उन्हें मंत्रीमंडल गठन के लिए आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में 13 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह होगा। वहीं, साय अस्थाई मुख्यमंत्री निवास पहुना पहुंच गए हैं।

राज्य में बनाए जा सकते हैं दो उप मुख्यमंत्री

पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह विधानसभा अध्यक्ष हो सकते हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में दो उप मुख्यमंत्री भी बनाए जा सकते हैं। इनमें अरुण साव और विजय शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। विजय शर्मा भाजपा में महामंत्री रहे और पहली बार चुनाव जीतकर निर्वाचित हुए हैं वहीं अरुण साव लोकसभा सदस्य के साथ-साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।

इसके साथ ही नए मंत्रीमंडल के गठन को लेकर भी तैयारी शुरू हो गई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व अन्य नेताओं को आमंत्रित कर समय मांगा है, जल्द ही शपथ ग्रहण होगा। साय के छत्तीसगढ़ के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को राज्य का पहला आदिवासी सीएम कहा जाता है, लेकिन उनकी जाति से जुड़ा मामला विवाद के चलते कोर्ट में लंबित है।

पर्यवेक्षकों के सामने विधायकों ने चुना सीएम

केंद्रीय नेतृत्व द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री द्वय अर्जुन मुंडा व सर्वानंद सोनोवाल और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम की उपस्थित भाजपा विधायक दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विष्णु देव साय के नाम का प्रस्ताव किया।

जिसका समर्थन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव और वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने किया। इस मौके पर प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री व चुनाव सह प्रभारी डा. मनसुख मांडविया, भाजपा संगठन सह प्रभारी नितिन नबीन व सभी 54 विधायक शामिल रहे।

सरकार बनते ही देंगे बोनस-आवास: साय

सीएम चुने जाने पर साय ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि दो साल का बकाया धान का बोनस 25 दिसंबर को देंगे। उन्होंने कहा कि पांच साल तक सत्ता में रही कांग्रेस ने सरकारी खजाने को पूरी तरह से खाली कर दिया है। इसके बावजूद भाजपा अपना हर वादा और मोदी की गारंटी को पूरी करेगी।

उन्होंने कहा कि वादे के अनुसार 25 जनवरी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन सुशासन दिवस पर राज्य के किसानों को दो साल का बकाया धान का बोनस दिया जाएगा। 18 लाख गरीबों को आवास दिया जाएगा। सबके विश्वास में खरा उतरने का प्रयास करूंगा।

रमन सिंह के बाद बड़ा चेहरा

प्रदेश के नए मुख्यमंत्री साय रायगढ़ से चार बार के लोकसभा सदस्य और छत्तीसगढ़ भाजपा के तीन बार अध्यक्ष रहे हैं, इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री का दायित्व भी संभाल चुके हैं। मुख्यमंत्री के चयन को लेकर भाजपा में सीधे दावेदारी किसी की नहीं रही, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, विष्णुदेव साय, अरुण साव, रेणुका सिंह और ओपी चौधरी का नाम सीएम के रेस में चर्चित रहा। बाकी चेहरों को पीछे छोड़ते हुए साय आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ में आदिवासी चेहरे के रूप में प्रबल दावेदार रहे, इसलिए बाकी रेस से पीछे हो गए।

साय के चयन में ये रहे सकारात्मक पक्ष

बड़ा आदिवासी चेहरा

छत्तीसगढ़ में लगातार आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग उठती रही है। भाजपा ने सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटों और बस्तर संभाग की 12 में से 8 सीटों पर कब्जा किया। ऐसा पहली बार हुआ है, जब भाजपा ने इतने बड़े स्तर पर आदिवासी सीटें जीती हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने आदिवासी कार्ड खेला है।

संघ से पुराना नाता 

विष्णुदेव साय के परिवार का राष्ट्रीय स्वयं संघ से पुराना नाता रहा है। इनके दादा और ताऊ भी जनसंघ से विधायक- लोकसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री रहे। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पहली पसंद रहे।

संगठन व राजनीति का लंबा अनुभव: साय चार बार लोकसभा सदस्य, तीन बार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, विधायक, केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। अध्यक्ष बनने के बाद भी साय लो प्रोफाइल रहते थे। संगठन और सरकार दोनों में काम करने का अनुभव है।

साफ-सुथरी छवि

साय राजनीति में साफ-सुथरी छवि वाले हैं। उन्हांने कभी भी पद के लिए लंबी दिल्ली की दौड़ नहीं लगाई। संगठन की ओर से जो निर्देश मिले, उसी के अनुरूप कार्यकर्ता बनकर काम किया।

यह भी पढ़ें: Chhattisgarh New CM: '18 लाख आवास, मोदी की गारंटी', सीएम चुने जाने के बाद Vishnu Deo Sai करने वाले हैं ये पहला काम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.