आतंकवाद के काले साये से बमुश्किल बाहर निकला पंजाब वर्तमान में अवैध हथियारों का गढ़ बनता जा रहा है। सूबे में छोटे-मोटे अपराधी से लेकर बड़े गैंगस्टर्स तक के पास अवैध हथियारों का जखीरा है। आए दिन ऐसे अराजक तत्व इन्हीं अवैध हथियारों से रंजिशन या फिर कोई मांग पूरी न होने पर लोगों का खून बहाते हैं। पंजाब में शायद ही कोई दिन ऐसा गुजरता होगा जिस दिन कोई खूनखराबे की कोई अशुभ सूचना सुनने को न मिलती हो। यहां सवाल यह खड़ा होता है कि पंजाब में आखिर यह अवैध हथियार आ कहां से रहे हैं? रोज पुलिस ऐसे हथियार पकड़ती है फिर भी पुलिस के हाथ आज तक सौदागरों के गिरेबान तक क्यों नहीं पहुंच पाए? यह ऐसे सवाल हैं जो आतंकवाद को राज्य से खत्म करने का मादा रखने वाली पंजाब पुलिस की साख को बट्टा लगा रही है। सोमवार को भी अमृतसर के घरिंडा में एक शादी समारोह में कुछ हथियारबंद लोगों ने हमला बोला और एक व्यक्ति की हत्या कर दी। हालांकि एक हमलावर भी मारा गया। मौके से पुलिस को कुछ विदेशी हथियार भी मिले हैं। सीमावर्ती क्षेत्र में ऐसे अवैध विदेशी हथियारों का मिलना यह भी संकेत दे रहा है कि पाकिस्तान के साथ लगती हमारी सीमा की सुरक्षा में भी कहीं न कहीं छेद हैं। अभी दो दिन पहले तरनतारन में सीमा सुरक्षा बल मुख्यालय के पास भी लावारिस अवस्था में हथियार मिले थे जिसमें एक एके-47 राइफल भी थी। ऐसे हथियारों का इस्तेमाल आतंकी करते रहे हैं। हाल ही में हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने भी दावा किया था कि पाक की खुफिया एजेंसी आइएसआइ अपने एजेंटों के माध्यम से भारत में नशे के साथ हथियारों की भी तस्करी कर रही है। राज्य सरकार व पुलिस प्रशासन को सतर्क होने की सख्त जरूरत है।

[ स्थानीय संपादकीय: पंजाब ]