रसोई गैस कनेक्शन के मामले में कई राज्यों से लेकर केंद्रीय औसत से भी पश्चिम बंगाल पिछड़ा हुआ है। हालांकि, झारखंड, मध्यप्रदेश व ओडिशा जैसे कुछ राज्यों की तुलना में बंगाल बेहतर है। परंतु, राष्ट्रीय औसत देखा जाए तो काफी पिछड़ा हुआ है। पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस माह के प्रथम तक बंगाल में करीब 67 फीसद लोगों तक ही रसोई गैस कनेक्शन की पहुंच हुई है। वहीं पूरे देश में रसोई गैस कनेक्शन लेने वालों का आंकड़ा 73 फीसद पहुंच चुका है। पिछले वर्ष अप्रैल तक तो रसोई गैस कनेक्शन की हालत बंगाल में और भी बुरा था। महज 51.50 फीसद लोगों के पास ही एलपीजी सिलेंडर पहुंच सका था। बंगाल से आगे उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश है। वहीं हरियाणा, पंजाब जैसे राज्य तो बंगाल से और भी आगे हैं। पूरे देश में सबसे खराब स्थिति झारखंड की है। यहां सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्यों है? आज भी करीब 33 फीसद आबादी के घरों में खाना स्टोव, लकड़ी, कोयले के चूल्हे पर ही बन रहे हैं। इस पर राज्य व केंद्र सरकार की ओर से ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि, जिन घरों लकड़ी या कोयले के चूल्हे पर खाना बन रहा होगा उन माताओं व बहनों के बारे में भी सोचने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार की ओर से रसोई गैस कनेक्शन देने के लिए उज्ज्वला योजना चल रही है। टीवी पर विज्ञापन समेत हर तरह से लोगों को प्रोत्साहित करने की कोशिश की जा रही है। परंतु, अब तक बंगाल में गैस कनेक्शन लेने वालों की संख्या 90 फीसद के पार नहीं पहुंच पाई है। इसके लिए आखिर कौन जिम्मेवार है? क्या राज्य सरकार को भी नहीं चाहिए कि हर घर तक रसोई गैस कनेक्शन पहुंचे इसके लिए पहल करे? प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना गरीब से गरीब घरों तक रसोई गैस कनेक्शन पहुंचाने के लिए शुरू की गई है। ऐसे में किसी भी गरीब को वंचित रखना उचित नहीं है। राज्य सरकार के पास तो संसाधन भी है वह चाहे तो इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लोगों तक पहुंचा सकती है। कम से कम इस मामले में तो राजनीति नहीं होनी चाहिए। सियासी नफा-नुकसान भूल कर जन कल्याण के लिए केंद्र के साथ मिल कर राज्य सरकार भी एक ऐसा अभियान चलाया जाना चाहिए ताकि हर मां-बहन की रसोई तक गैस का कनेक्शन पहुंच सके। अगर इस दिशा में तत्काल कार्य नहीं किया गया तो बंगाल इसी तरह से पिछड़ा रहेगा।
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(हाईलाइटर::बंगाल में करीब 67 फीसद लोगों तक ही रसोई गैस कनेक्शन की पहुंच हुई है। वहीं पूरे देश में रसोई गैस कनेक्शन लेने वालों का आंकड़ा 73 फीसद पहुंच चुका है।)

[  स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल  ]