इंट्रो
प्रदेश को एक और ट्रेन की सौगात मिली है। यह ट्रेन अंबाला से अंदौरा तक चलेगी। अब रेलवे को नई लाइनें निकालने को भी बजट देना चाहिए।
पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में आवागमन का मुख्य साधन सड़कें ही हैं। अब तक प्रदेश के कुछ हिस्से ही रेलमार्ग से जुड़ पाए हैं। कई साल से प्रदेश में रेल विस्तार के दावे होते रहे, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ। बात चाहे मंडी-मनाली-लेह की तरफ रेललाइन निकालने की हो, बिलासपुर रेललाइन का मामला हो, प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन तक ट्रेन पहुंचाने की हो। इसके अलावा कुछ दूसरे हिस्सों में भी रेललाइन पहुंचाने के दावे किए जाते रहे हैं, पर सभी जगह बात सर्वेक्षण से आगे नहीं बढ़ पाई। यहां तक कि बीच में रामपुर बुशहर तक भी रेललाइन के सपने दिखाए गए। नई रेललाइन निकलना तो दूर, कांगड़ा घाटी और हिल्स क्वीन शिमला में अंग्रेजों के समय से चल रही लाइनें ही चौड़ी नहीं हो पाईं। उल्टा इन लाइनों पर चलने वाली ट्रेनें पहले से कुछ सौ मीटर पीछे रुक रही हैं। प्रदेश के लोगों के लिए राहत भरी खबर है कि अब अंबाला से अम्ब के अंदौरा तक एक और ट्रेन चलेगी। इस ट्रेन के शुरू होने से अंदौरा स्टेशन से चलने वाली ट्रेनों की संख्या तीन हो जाएगी, जबकि ऊना जिला मुख्यालय से चलने वाली ट्रेनों की संख्या पांच हो जाएगी। यह प्रदेश की एकमात्र ब्राडगेज रेललाइन है, जिस पर इस तरह अन्य राज्यों को जोडऩे के लिए रेल यातायात की सुविधा मिल रही है। इस रेललाइन को ऊना जिले के अंदौरा से तलवाड़ा और मुकेरियां तक पहुंचाया जाना प्रस्तावित है। अभी तक दौलतपुर तक इसका कार्य लगभग पूरा हो चुका है जबकि तलवाड़ा तक जमीन अधिग्र्रहण की प्रक्रिया चल रही है। इस रेललाइन के पूरा होने से पठानकोट के लिए यात्रा बहुत कम समय और कम खर्च में की जा सकेगी। साथ ही कई और ट्रेनों के शुरू होने की संभावना भी बढ़ जाएगी। बेशक यह ट्रेन ऊना जिले तक ही सीमित है, लेकिन इससे रेल विस्तार की संभावना बढ़ी है। ऊना तक जो ट्रेनें आ रही हैं, उनका फायदा साथ लगते कांगड़ा और हमीरपुर के जिलों के लोगों को भी मिल रहा है। प्रदेश में सामरिक दृष्टि से भी रेल विस्तार की अधिक जरूरत है। प्रदेश की सीमा पड़ोसी देश चीन के साथ सटी होने की वजह से रेल विस्तार करना लाजिमी है। इसके अलावा कांगड़ा और शिमला वाली छोटी लाइनें भी विस्तार की राह देख रही हैं। प्रदेश के लोग सर्वे की बातें बहुत सुन चुके। अब वे अपने-अपने जिले में ट्रेन का सपना पूरा होता देखना चाहते हैं।

[ स्थानीय संपादकीय : हिमाचल प्रदेश ]