बी सेफ ऑन हाईवे
ड्राइविंग सीखना ही सब कुछ नहीं होता है, उसके साथ सही ढंग से ट्रैफिक रूल्स का पालन करना भी बहुत ज़रूरी होता है।
ड्राइविंग करते वक्त अकसर हम अनजाने में छोटी-बड़ी गलतियां कर बैठते हैं। कई बार इनकी वजह से बाद में पछताना भी पड़ता है। ऐसा नहीं है कि गलतियां सिर्फ कार ड्राइवर्स ही करते हैं, कई बार वॉकिंग कम्यूटर्स की अनदेखी से भी ऐक्सिडेंट्स हो जाते हैं। रोड पर आप चाहे किसी व्हीकल से हों या पैदल हों, अपनी सुरक्षा की जि़म्मदारी आपको खुद ही लेनी होगी।
बी अलर्ट
अमूमन हाईवे पर कार की स्पीड तेज़ होती है। ऐसे में कभी-कभी वहां किसी इमरजेंसी की वजह से अचानक रुकने में कठिनाई आती है। समय दिन का हो या रात का, कभी यह न सोचें कि वहां आप अकेले हैं और कोई आपको देख नहीं रहा है। ऐसी स्थिति में भी ट्रैफिक रूल्स का पालन करने से न चूकें। बाईं तरफ का इंडीकेटर दें और सुनिश्चित कर लें कि पीछे से कोई गाड़ी तेज़ रफ्तार से न आ रही हो। उसके बाद अपनी गाड़ी को आराम से धीमी गति के साथ किनारे लाएं। हाईवे पर गाड़ी सिर्फ लेफ्ट साइड ही रोकी जा सकती है। इसके बाद पार्किंग लाइट ऑन कर दें और आराम से पीछे देखकर अपना गेट खोलकर बाहर निकलें।
स्टॉप स्पिटिंग
अकसर लोग कार का गेट खोलकर यूं ही रोड पर थूकने लगते हैं। वे यह भी नहीं देखते कि कहीं बगल से कोई आ तो नहीं रहा है। कई बार गाड़ी में बैठे लोग, चाहे वह ड्राइवर हो या पैसेंजर, सिर्फ थूकने के लिए कार का गेट खोल देता है और किसी गाड़ी की चपेट में आकर न सिर्फ अपनी जान गंवाता है बल्कि नियमों का पालन कर रहे अन्य वाहनों के लिए भी घातक साबित होता है। आप अपने घर में नहीं थूकते, न ही किसी और का ऐसा करना पसंद करेंग और न ही कोई अपनी गाड़ी में थूकता है... तो क्या जिस सड़क से हम गुज़रते हैं वह हमारी नहीं है? सिर्फ सरकार उसकी देखरेख करे और हम उस चमकती सड़क पर थूकने का आनंद लेने के लिए लोगों की जान लेते रहें। यह ड्राइविंग के एकदम खिलाफ है। देश में होने वाली अधिकतर वाहन दुर्घटनाएं लोगों की लापरवाही की वजह से हो रही हैं।
केस स्टडी
स्थान : लखनऊ अमौसी एयरपोर्ट
समय : 6:30 शाम
तिथि : 22 अगस्त
एयरपोर्ट पर एक सज्जन बिना हेलमेट लगाए अपने बेटे को रिसीव करने जा रहे थे। वे बातों में ऐसे तल्लीन थे जैसे उन्हें दुनिया से कोई मतलब न हो। कानपुर-लखनऊ हाईवे से 100 मीटर पहले एक स्कॉर्पियो रुकी और चालक ने बिना आगे-पीछे देखे गेट खोल दिया। गेट खुलते ही पीछे आ रहे स्कूटर सवार सज्जन घबराहट में स्कूटर के साथ गिर गए। उन्हें काफी चोटें आईं और बेटा भी घायल हो गया जिससे सारी खुशियां काफूर हो गईं। ड्राइवर लापरवाह न होता और स्कूटर सवार ने हेलमेट लगाया होता तो शायद चोटें कम लगतीं।
अमित द्विवेदी