सोमनाथ को नहीं मिली जमानत, लिपिका ने भी किया समझौते से इंकार
दहेज प्रताडऩा व पत्नी लिपिका मित्रा की हत्या के प्रयास के आरोप से घिरे दिल्ली सरकार के पूर्व कानून मंत्री व विधायक सोमनाथ भारती सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को अस्विकार करते हुए कहा कि इसके लिए उन्हें निचली अदालत में जाना चाहिए।
नई दिल्ली । दहेज प्रताडऩा व पत्नी लिपिका मित्रा की हत्या के प्रयास के आरोप से घिरे दिल्ली सरकार के पूर्व कानून मंत्री व विधायक सोमनाथ भारती को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को अस्विकार करते हुए कहा कि इसके लिए उन्हें निचली अदालत में जाना चाहिए। इसके साथ ही सोमनाथ को अदालत ने जेल भेज दिया है।
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इसके अलावा सोमनाथ की पत्नी लिपिका ने घरेलू हिंसा मामले में समझौते से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में लिपिका द्वारा सोमनाथ से किसी भी तरह के समझौते से इंकार करने पर आप नेता की मुश्किले और बढ़ सकती है। इस बीच सोमनाथ के वकीलों ने कहा है कि वे जल्द ही निचली अदालत में ज़मानत याचिका दायर करेंगे।
रविवार को सोमनाथ भारती की पांच दिन की पुलिस रिमांड की अवधि खत्म होने पर रविवार को उन्हें द्वारका कोर्ट में पेश किया गया था। पुलिस ने कोर्ट से सोमनाथ को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजने का प्रस्ताव रखा, किंतु सोमनाथ के अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने उन्हें केवल एक दिन के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया।
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सोमनाथ ने कोर्ट से जेल में पढऩे के लिए शहीद भगत सिंह की जीवनी की किताब ले जाने की अनुमति मांगी थी, साथ ही जेल नियमों से जुड़ी किताबें भी पढऩे के लिए मुहैया कराने की मांग की। उनकी इन दोनों मांगों को कोर्ट ने मान लिया और अनुमति दे दी।
रविवार को अवकाश का दिन होने के कारण ड्यूटी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। सोमनाथ भारती ने पुलिस हिरासत के दौरान पुलिसकर्मियों पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस रिमांड में पहले दो दिन तो उनके ठीक गुजरे, लेकिन दोबारा तीन दिन की रिमांड लेने पर उनके लिए उक्त समय नर्क की तरह गुजरा। सोमवार को उन्हें दोबारा द्वारका कोर्ट में पेश किया जाएगा।
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पांच दिन की रिमांड के दौरान पुलिस सबूत जुटाने के लिए उन्हें दिल्ली में कई इलाकों के अलावा आगरा और मथुरा लेकर गई। पुलिस का दावा है कि उन्होंने कई सबूत जुटा लिए हैं, जो भारती को सजा दिलाने के लिए पर्याप्त है। वहीं भारती के अधिवक्ता का कहना है कि पुलिस को कोई सबूत नहीं मिला।