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NASA की तस्वीरों से खुला राज, UP के किसानों ने फैलाया दिल्ली में स्मॉग

मौसम विज्ञान केंद्र की माने तो इस बार स्मॉग की स्थिति बीते वर्षो के मुकाबले बेहद खराब है। यह स्थिति तब है जबकि नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) इस पर लगातार नजर रखे है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 04 Nov 2016 08:13 AM (IST)Updated: Fri, 04 Nov 2016 02:24 PM (IST)

नई दिल्ली (जेएनएन)। कहा जा रहा है कि दिल्ली में स्मॉग के लिए यहां का प्रदूषण जिम्मेदार है। मगर ऐसा नहीं है, दिल्ली के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के किसानों का भी इसमें बड़ा योगदान है। नासा द्वारा जारी तस्वीरों से यह साफ हो गया है कि शाहजहांपुर, महाराजगंज, लखीमपुर व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों में खेतों में पराली जलाई जा रही है। इसका धुआं ही दिल्ली को स्मॉग दे रहा है।

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मौसम विज्ञान केंद्र की माने तो इस बार स्मॉग की स्थिति बीते वर्षो के मुकाबले बेहद खराब है। यह स्थिति तब है जबकि नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) इस पर लगातार नजर रखे है। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह पराली जलाने पर सख्ती से रोक लगाएं।

हरियाणा, पंजाब व उत्तर प्रदेश में कृषि अवशेष सबसे ज्यादा जलाया जाता है। स्मॉग के चलते हालत यह हो जाती है कि दृश्यता बेहद कम हो जाती है। यही नहीं, सांस लेने में भी जबर्दस्त कठिनाई होती है। खासतौर पर बच्चों व बुजुर्गो को बेहद दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

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इसे देखते हुए ही एनजीटी ने तीनों ही राज्यों को निर्देश दिए थे कि वह कृषि अवशेष यानी पराली जलाने पर सख्ती से रोक लगाएं। प्रदेश सरकार ने भी पराली जलाने वालों के विरूद्ध दंड का प्रावधान किया था।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का भी गठन किया गया है, जिसकी जिम्मेदारी है कि वह पराली जलाने के खिलाफ कार्रवाई करे। बहरहाल यह सारे इंतजाम धरे रह गए हैं और खेतों में जलाई जा रही पराली ने दिल्लीवासियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है।

लोग प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार दीपावली के बाद स्मॉग में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। चूंकि इस समय हवा की गति बहुत कम है इसलिए स्मॉग छट भी नहीं रही है। सुबह 11 बजे से ढाई बजे के बीच स्थिति ज्यादा खराब है। बहरहाल बोर्ड ने क्षेत्रीय अधिकारियों को पराली जलाने पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।


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