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HC में सरकार ने कहा, 'ODD-EVEN के तीसरे चरण में वकीलों को छूट संभव'

दिल्ली सरकार अगले चरण में वकीलों को ODD-EVEN में छूट दे सकती है। यह बात दिल्ली सरकार ने आज दिल्ली हाईकोर्ट में कही।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 26 Apr 2016 02:40 PM (IST)Updated: Tue, 26 Apr 2016 04:19 PM (IST)

नई दिल्ली। ऑड-इवन के तीसरे चरण में वकीलों को वाहन संचालन में छूट दी जा सकती है। यह बात दिल्ली सरकार ने आज दिल्ली हाईकोर्ट में कही। आज कोर्ट में दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अगले ऑड-इवन में वकीलों को छूट देने पर विचार किया जाएगा, लेकिन इस बार छूट नहीं दी जाएगी।

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इससे पहले सोमवार को हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार से यह बताने के लिए कहा था कि ऑड-इवन फॉॉर्मूले से वाहन परिचालन योजना के बांकी बचे दिनों में वकीलों को छूट देने की संभावना पर विचार कर सकती है।

चीफ जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस जयंत नाथ की पीठ हाईकोर्ट बार एसोसिएश की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में ऑड-ईवन योजना के दूसरे चरण में वकीलों को छूट देने की मांग की गई थी।

पीठ ने हालांकि यह टिप्पणी की थी कि ऑड-इवन फॉर्मूले से निजी वाहनों के परिचालन शुरू करने की योजना सरकार का नीतिगत फैसला है और सिर्फ दो सप्ताह के लिए है न कि स्थाई है।

इससे पहले पिछली सुनवाई में सरकार की ओर से वरिष्ठ स्थाई अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा था कि ऑड-ईवन योजना के दूसरे चरण समाप्त होने में अब कुछ दिन शेष बचे हैं।

क्या है बार एसोसिएशन की मांग

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव खोसला ने पीठ के समक्ष वकीलों को इस योजना के दायरे से बाहर रखने की मांग के साथ ही इसका उल्लंघन करने वालों से 2000 रुपये जुर्माना वसूले जाने का भी विरोध किया है। उनका कहना है कि सरकार मोटर वाहन अधिनियम संशोधन के बगैर नियमों के उल्लंघन करने वालों से 2000 रुपये जुर्माना नहीं वसूल सकती।

राजीव खोसला की दलील है कि वकीलों की एक अलग श्रेणी है, सुप्रीम कोर्ट का कहना है वकील हड़ताल पर नहीं जा सकते। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों को भी इस योजना से परेशानी होती है।

इस पर खोसला ने कहा था कि वकीलों को फाइल और किताबें साथ रखना होता है, ऐसे में सार्वजनिक परिवनह से चलने में उन्हें परेशानी होती है। खोसला ने कहा था कि प्रतिदिन 3000 वकील ही वाहनों का प्रयोग करते हैं।


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