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दिल्ली में फिर इंसानियत का कत्ल, मां के नाम पर खून लिया फिर दिया धोखा

युवक ने कहा कि उसकी मां अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी न्यूरो सर्जरी होनी है इसलिए उसे तीन यूनिट खून की जरूरत है। उसने कहा कि वह बिहार से आया है, इसलिए यहां किसी को नहीं जानता।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 20 Feb 2017 07:50 AM (IST)Updated: Mon, 20 Feb 2017 10:47 AM (IST)
दिल्ली में फिर इंसानियत का कत्ल, मां के नाम पर खून लिया फिर दिया धोखा
दिल्ली में फिर इंसानियत का कत्ल, मां के नाम पर खून लिया फिर दिया धोखा

नई दिल्ली (अरविंद कुमार द्विवेदी)। कभी-कभी दरियादिली भी भारी पड़ जाती है। एम्स में जिस व्यक्ति की बीमार मां को युवक ने अपना खून दिया, उसी ने उसे लूट लिया। बदमाशों ने उसका हजारों का सामान ठग लिया।

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मूलरूप से बनारस निवासी विशाल कुमार सेठ यहां त्रिनगर में रहते हैं और एक फार्मास्यूटिकल कंपनी में मेडिकल रीप्रजेंटेटिव (एमआर) हैं। 29 दिसंबर को वह अपनी कंपनी के दो वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक डॉक्टर के से मिलने आए थे। वे लोग डॉक्टर के रूम के बाहर इंतजार कर रहे थे। तभी वहां राहुल नाम का एक युवक रोते हुए आया।

युवक ने कहा कि उसकी मां केसरी देवी अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी न्यूरो सर्जरी होनी है इसलिए उसे तीन यूनिट खून की जरूरत है। उसने कहा कि वह बिहार से आया है इसलिए यहां किसी को नहीं जानता। उसे रोता देख विशाल का दिल पसीज गया। पर्चा देखकर डॉक्टर ने भी कन्फर्म किया कि उसे रक्त की जरूरत है। सारी कागजी कार्यवाही पूरी करके उन्होंने केसरी देवी के नाम एक यूनिट रक्तदान कर दिया।

20 जनवरी को विशाल के पास राहुल का कॉल आया और उसने कहा कि उसकी मां अब स्वस्थ हैं और उन्हें एम्स रेफर कर दिया गया है। उसने कहा कि मां आपसे मिलकर आपको मदद करने के लिए धन्यवाद करना चाहती हैं। संयोग से विशाल एम्स में ही ऑफिस के काम से एक डॉक्टर से मिलने आए थे।

राहुल ने उन्हें एम्स के दो नंबर गेट पर बुलाया। इस दिन राहुल के साथ एक और लड़का था। उसने कहा कि मम्मी डी वार्ड में दूसरी मंजिल पर भर्ती हैं। वार्ड में बैग आदि ले जाने की अनुमति नहीं है। अपना बैग मेरे पास छोड़ दीजिए। उसने दूसरे लड़के से कहा कि वह विशाल को मां से मिलवा लाए।

लड़का विशाल को सेकंड फ्लोर पर ले जाकर बोला कि मम्मी बेड नंबर-15 पर हैं। अंदर सिर्फ एक ही व्यक्ति जा सकता है। जाकर मिल लो। लेकिन विशाल को वहां केसरी देवी नाम की कोई मरीज नहीं मिली। वह बाहर आए तो लड़का भी गायब था। नीचे गए तो राहुल भी नहीं मिला।

विशाल ने राहुल को फोन किया तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ था। विशाल ने बताया कि बैग में 16 हजार रुपए, एक स्मार्टफोन, लैपटॉप, कई हजार रुपए की महंगी दवाएं, एटीएम व क्रेडिट कार्ड, पैनकार्ड आदि थे। आरोपियों ने विशाल की बाइक का ताला तोड़ने का भी प्रयास किया पर सफल नहीं हो पाए। विशाल ने तुरंत पुलिस को फोन किया। उनकी शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

विशाल ने बाद में आरएमएल में न्यूरो सर्जरी विभाग में 250 मरीजों में केसरी देवी को तो खोज निकाला। महिला के पास उनका ब्लड डोनेशन वाला कार्ड भी मिला। हालांकि महिला ने बताया कि उसे ब्लड की जरूरत थी तो राहुल नाम के लड़के ने मदद के लिए उसका पर्चा मांगा था। अब महिला बिहार स्थित अपने घर जा चुकी है।


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