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प्रद्युम्न हत्‍याकांड: रेयान स्‍कूल में असुरक्षित छात्र, खामियां हुई उजागर

स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के इंतजाम कागजों पर अधिक किए गए थे। यह बात पुलिस व प्रशासन की जांच में सामने आई है। खुद स्कूल की निलंबित प्रिंसिपल पुलिस पूछताछ में प्रबंधन को दोषी बताया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 13 Sep 2017 12:55 PM (IST)Updated: Wed, 13 Sep 2017 09:33 PM (IST)
प्रद्युम्न हत्‍याकांड: रेयान स्‍कूल में असुरक्षित छात्र, खामियां हुई उजागर
प्रद्युम्न हत्‍याकांड: रेयान स्‍कूल में असुरक्षित छात्र, खामियां हुई उजागर

गुरुग्राम [जेएनएन ] । रेयान स्‍कूल नाम बड़े और दर्शन छोटे। प्रद्युम्न की हत्‍या ने स्‍कूल की खामियाें को पूरा पुलिंदा खोल कर रख दिया है। हालांकि बच्‍चों की सुरक्षा के लिए कागजों पर लंबे-लंबे इंतजाम है, लेकिन हकीकत की दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है।

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मासूम प्रद्युम्न ठाकुर की स्कूल के बाथरूम में हुई हत्या से पूरा देश उबल रहा है। इस दिल दहला देने वाली वारदात के बाद बच्चों के माता-पिता स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर परेशान हैं। इसकी वजह भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल का प्रबंधन देखने वाले अधिकारी हैं। वे सजग होते तो शायद मासूम की जान नही जाती।

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क्योंकि स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के इंतजाम कागजों पर अधिक किए गए थे। यह बात पुलिस व प्रशासन की जांच में सामने आई है। खुद स्कूल की निलंबित प्रिंसिपल पुलिस पूछताछ में प्रबंधन को दोषी बताया है। वहीं बाल सुरक्षा के लिए सही इंतजाम नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए प्रबंधन के दो अधिकारियों से पूछताछ में भी गई गंभीर बातें सामने आई हैं।

पुलिस ने रेयान ग्रुप इंस्टीट्यूट स्कूल के उत्तरी जोन के हेड फ्रांसिस थामस तथा एचआर हेड ज्यूस थामस को सोमवार को गिरफ्तार किया था। दोनों को पुलिस ने दो दिन की रिमांड पर लेकर व्यवस्थाओं की पड़ताल शुरू कर रखी है।

आरोपियों को पुलिस मंगलवार को दो बजे स्कूल लेकर पहुंची और शाम पांच बजे तक रिकार्ड चेक किए। जांच में पाया गया कि सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिं सही तरीके से नहीं हो रही थी। स्कूल के खर्च में चालीस कैमरे पूरे परिसर में लगे दिखाए गए हैं।

जबकि कैमरे सोलह लगे पाए गए। सुरक्षा एजेंसी को बारह गार्ड की सैलरी दी जा रही थी। मगर स्कूल में गार्ड तीन ही नजर आते थे। स्कूल सहायिका कागज पर 12 दिखाई गई जबकि काम छह कर रही थी।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कागजों पर बस स्टाफ के लिए अलग से शौचालय दिखाए गए हैं पर जमीन पर ऐसा नहीं था। बच्चे स्कूल स्टाफ सभी एक ही टायलेट में जाते थे।

उपायुक्त गुरुग्राम विनय प्रताप सिंह ने कहा कि जांच में पाया गया कि स्कूल के रिकार्ड में दर्ज सुविधाएं जमीन पर नहीं हैं। इसके लिए पूरी तरह से प्रबंधन दोषी है। प्रदेश सरकार स्कूल में प्रशासक बैठाने पर विचार कर रही है। ताकि बच्चों को सभी सुविधाएं मिल सके और वे सुरक्षित रहें।

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