बिसाहड़ा कांड : मिट्टी की फॉरेंसिक रिपोर्ट बताएगी इकलाख के घर गोहत्या हुई या नहीं
मिट्टी के सैंपल को इकलाख के घर से लिया गया था। उसकी फॉरेंसिक जांच से यह पता चलेगा कि मिट्टी में गाय का खून है या नहीं। गाय का खून पाए जाने पर ही यह साफ हो पाएगा कि इकलाख के घर गोहत्या हुई या नहीं।
नोएडा [ जेएनएन ] । बिसाहड़ा कांड में इकलाख पक्ष के खिलाफ दर्ज गोहत्या केस को बंद करने की चर्चा ने इस मामले को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। हालांकि, पुलिस अधिकारी इसे कोरी अफवाह बता रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण सूरपाल की तरफ से दर्ज कराए गए गोहत्या के मामले की जांच पूरी तरह से मिट्टी के सैंपल की फॉरेंसिक रिपोर्ट पर निर्भर है।
मिट्टी के सैंपल को इकलाख के घर से लिया गया था। उसकी फॉरेंसिक जांच से यह पता चलेगा कि मिट्टी में गाय का खून है या नहीं। गाय का खून पाए जाने पर ही यह साफ हो पाएगा कि इकलाख के घर गोहत्या हुई या नहीं। अभी तक गोहत्या होने का पुख्ता आधार या सुबूत न मिलने के कारण ही इकलाख के भाई जानमोहम्मद की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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एसएसपी धर्मेंद्र सिंह ने यह स्पष्ट किया है कि मामले की भौतिक और वैज्ञानिक दोनों तरह से जांच हो रही है। अभी जांच किसी उचित नतीजे तक नहीं पहुंची है। हालांकि, गोहत्या के मामले में पुलिस पहले ही चार ग्रामीणों के बयान दर्ज कर चुकी है। मामले में इकलाख पक्ष की तरफ के लोगों के बयान भी पुलिस दर्ज कर चुकी है।
उल्लेखनीय है कि बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 की रात गोहत्या की सूचना पर इकलाख की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी और उसके बेटे दानिश को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया गया था। मामले में 18 आरोपियों को जेल भेजा गया था। सभी युवक बिसाहड़ा गांव के हैं।
घटना के दस महीने बाद ग्रामीण सूरजपाल की अर्जी पर कोर्ट ने इकलाख पक्ष के सात लोगों पर गोहत्या की रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश पुलिस को दिए थे। इसके बाद पुलिस ने इकलाख उसके भाई जानमोहम्मद मां असगरी पत्नी इकरामन बेटी शाहिस्ता, सोना व बेटे दानिश के खिलाफ गोहत्या की रिपोर्ट दर्ज की थी। कोर्ट ने जानमोहम्मद को छोड़कर अन्य सभी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।