स्मॉग से विदेशी निवेश पर छाने लगा धुआं, दिल्ली आने से बच रहे हैं निवेशक
अमेरिका ने भी दिल्ली के वायु प्रदूषण को लेकर अपने नागरिकों को सचेत किया है। यह दिल्ली के स्टार्टअप के लिए चिंता की बात है।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। आसमान में छाया स्मॉग दिल्ली में विदेशी निवेश पर भी धुआं करने लगा है। विदेशी निवेशक दिल्ली की यात्रा को जहां स्थगित कर रहे हैं, वहीं दिल्ली के स्टार्टअप स्वास्थ्य के मद्देनजर तत्कालीन तौर पर दूसरे शहरों का रुख कर रहे हैं। इस कारण इस क्षेत्र से जुड़े लोग चिंतित हैं।
स्टार्टअप में 250 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश
दिल्ली-एनसीआर तेजी से उभरते देश के चुनिंदा उन क्षेत्रों में शामिल है, जहां स्टार्टअप ने अपना ठिकाना बनाया हुआ है और यहां भारी भरकम विदेशी निवेश हो रहा है। जानकारों के मुताबिक इस वर्ष जनवरी से सितंबर माह तक दिल्ली-एनसीआर के स्टार्टअप में 250 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है। जबकि पिछले वर्ष इस अवधि में महज 120 करोड़ डॉलर से कुछ ही अधिक का निवेश था।
दिल्ली आने से बच रहे हैं निवेशक
दिल्ली के स्टार्टअप में निवेश के लिए नियमित तौर पर विदेशी निवेशकों का प्रतिनिधिमंडल यहां आता रहता है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर के दमघोंटू माहौल के कारण वे दिल्ली आने से बच रहे हैं या किसी दूसरे शहर में बैठक करना चाह रहे हैं।
इस बारे में एक लाख 30 हजार ऑनलाइन सदस्यों वाले दिल्ली स्टार्टअप क्लब के संस्थापक शिवम के मुताबिक उनकी जानकारी में दो अमेरिकी प्रतिनिधिमंडलों ने वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली आने का प्लान स्थगित किया है, क्योंकि वह अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे।
बिजनेस मीटिंग से बच रहे हैं कारोबारी
अमेरिका ने भी दिल्ली के वायु प्रदूषण को लेकर अपने नागरिकों को सचेत किया है। यह दिल्ली के स्टार्टअप के लिए चिंता की बात है। दिल्ली को ठिकाना बनाये स्टार्टअप के लिए भी यह धुआं खराब अनुभव साथ लेकर आया है, क्योंकि उनके कामकाज पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। कुछ स्टार्टअप ने अपने कर्मचारियों को ऑफिस आने की जगह घर से ही काम करने की सलाह दी है। वहीं, इन दिनों बिजनेस मीटिंग वगैरह से भी बचा जा रहा है।
दूसरे शहरों को बनाया ठिकाना
स्टार्टअप कंपनियों में निवेश आकर्षित कराने वाली स्टार्टअप न्यूक्लियस पार्टनर्स के एसोसिएट्स मुदित कालरा के मुताबिक कई स्टार्टअप ने तत्कालीन तौर पर दिल्ली को छोड़कर दूसरे शहरों को ठिकाना बनाया है। उनके एक जानने वाले कंपनी के संस्थापक पुणे चले गए हैं और वहीं से काम कर रहे हैं। हालांकि, यह व्यवस्था तत्कालिक है।
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