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सीरियल रेपिस्ट मामलाः 700 रेप करने वाले ने खोला ऐसा सनसनीखेज राज

साइको रेपिस्ट ने अपनी घिनौनी करतूतों का खुलासा करते हुए बताया कि वह स्कूल ड्रेस पहनी हुई बच्चियों को ही हवस का शिकार बनाता था।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 17 Jan 2017 09:45 AM (IST)Updated: Tue, 17 Jan 2017 09:05 PM (IST)
सीरियल रेपिस्ट मामलाः 700 रेप करने वाले ने खोला ऐसा सनसनीखेज राज
सीरियल रेपिस्ट मामलाः 700 रेप करने वाले ने खोला ऐसा सनसनीखेज राज

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली के न्यू अशोक नगर में पकड़े गए सीरियल रेपिस्ट ने पुलिस पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। उत्तराखंड के रुद्रपुर से 600 बार दिल्ली आकर 700 लड़कियों से दुष्कर्म के आरोपी सुनील रस्तोगी ने पुलिस को बताया कि वह इस तरह की दरिंदगी अपने मजे के लिए करता था।

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'यूनिफॉर्म' पहनकर करता था दुष्कर्म

एक ही तरह के कपड़े और जूते पहनकर बच्चियों से दुष्कर्म करता था। पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया तो वह इन्हीं कपड़ों था। आरोपी ने खुलासा किया है कि उसने दिल्ली में ज्यादातर न्यू अशोक नगर इलाके में वारदात को अंजाम दिया है।

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दोपहर दो बजे के बाद लड़कियों से रेप करता था

इससे भी खास बात यह है कि वह दोपहर दो बजे के बाद ही रेप करता था। इस बात का खुलासा खुद सीरियल रेपिस्ट सुनील रस्तोगी ने पुलिस पूछताछ में किया है।

245 किलोमीटर का सफर तय कर आता था रेप करने!

उसने यह भी बताया कि हवस मिटाने के लिए वह रुद्रपुर से ट्रेन से दिल्ली या गाजियाबाद आता था और उसी दिन वापस लौट जाता था। पुलिस की मानें, तो इसी वजह से उसकी पहचान नहीं हो पाती थी।

कैद हो गया सीसीटीवी कैमरे में

10 जनवरी को एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के प्रयास के दौरान चिल्लाने पर आरोपी फरार हो गया। लेकिन आरोपी पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया और बच्ची ने उसकी पहचान कर ली। इसके बाद पुलिस उस तक पहुंच गई।

इस साइको रेपिस्ट ने अपनी घिनौनी करतूतों का खुलासा करते हुए बताया कि वह स्कूल ड्रेस पहनी हुई बच्चियों को ही हवस का शिकार बनाता था। ऐसा घिनौना कृत्य वह दो बजे के बाद ही करता था।

पूर्वी जिला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह सिर्फ सात से 11 साल की मासूम बच्चियों को शिकार बनाता था। ऐसे मानसिक विकृत लोग (पोडोफाइल) सिर्फ बच्चियों को ही निशाना बनाते हैं।

सुनील के मुताबिक, वह ट्रेन से दिल्ली या गाजियाबाद आने के बाद आसपास के सरकारी स्कूलों के बाहर खड़ा हो जाता था। छोटी बच्चियों को पिता द्वारा कपड़े भेजे जाने या किसी अन्य तरह से झांसे में लेकर खाली प्लॉट या मकान में ले जाकर वारदात को अंजाम देता था।


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