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कैलाश सत्यार्थी के घर से चोरी हुआ नोबेल प्राइज रेप्लिका बरामद

नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के घर सोमवार रात चोरी हो गई थी। बदमाश ताला तोड़कर उनके घर में घुसे। ज्वैलरी, कैश, नोबेल प्राइज का सर्टिफिकेट और रेप्लिका ले गए थे।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 12 Feb 2017 10:48 AM (IST)Updated: Mon, 13 Feb 2017 07:40 AM (IST)
कैलाश सत्यार्थी के घर से चोरी हुआ नोबेल प्राइज रेप्लिका बरामद

नई दिल्ली [ जेएनएन ] । दिल्ली पुलिस ने नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के घर से चोरी हुआ सामान बरामद कर लिया है। इसमें अहम नोबेल प्राइज की रेप्लिका और सर्टिफिकेट है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को भी अरेस्ट किया है। दिल्ली पुलिस को शुक्रिया अदा करते हुए कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि उन्हें पुलिस महकमे पर भरोसा था।

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बता दें कि नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के घर सोमवार रात चोरी हो गई थी। बदमाश ताला तोड़कर उनके घर में घुसे। ज्वैलरी, कैश, नोबेल प्राइज का सर्टिफिकेट और रेप्लिका ले गए थे। सत्यार्थी दक्षिण दिल्ली के कालकाजी इलाके में अरावली अपार्टमेंट में रहते हैं। यह दिल्ली के सबसे पॉश इलाकों में गिना जाता है।

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मंगलवार को एनजीओ के इम्प्लॉइज उनके घर पहुंचे तो ताला टूटा मिला और सामान गायब था। जिस वक्त घर में चोरी हुई थी सत्यार्थी एक प्रोग्राम में हिस्सा लेने विदेश गए हुए थे। पहले नोबेल प्राइज चोरी होने की खबर आई थी। बाद में सत्यार्थी के ऑफिस से बयान आया कि मेडल चोरी नहीं हुआ है।

सत्यार्थी ने अवॉर्ड देश को समर्पित कर दिया था, इसलिए मेडल राष्ट्रपति भवन में रखा है। सत्यार्थी ने चोरों से की थी अपील- पुरस्कार की अहमियत समझें चोरी की घटना पर सत्यार्थी ने कहा था, "मेरा नोबेल प्राइज देश और बच्चों से जुड़ा है। मेरी लोगों से अपील है कि जो इस काम (चोरी) में शामिल हैं वे इसको (नोबेल प्राइज का महत्व) समझें।"

सत्यार्थी मध्य प्रदेश के विदिशा में 11 जनवरी 1954 को पैदा हुए कैलाश सत्यार्थी "बचपन बचाओ आंदोलन" एनजीओ चलाते हैं। उन्हें बच्चों की बेहतरी के लिए काम करने पर 2014 में शांति का नोबेल प्राइज मिला। उन्हें पाकिस्तान की मलाला युसुफजई के साथ साझा अवॉर्ड दिया गया था। पेशे से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर रहे सत्यार्थी ने 26 साल की उम्र में ही करियर छोड़कर बच्चों के लिए काम करना शुरू कर दिया था।


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