Move to Jagran APP

जटिल सर्जरी कर गले से निकाले 92 लोहे के पिन, जानिए कैसे पहुंची शरीर में पिन

कोटा, मुंबई व दिल्ली के रेलवे अस्पताल के डॉक्टरों के भी हाथ पांव फूल गए व सर्जरी करने से इंकार कर दिया। अंत में फरीदाबाद स्थित एशियन अस्पताल के डॉक्टरों ने सर्जरी कर उसके शरीर से 92 पिन निकाले।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 08 Jul 2017 09:57 AM (IST)Updated: Sat, 08 Jul 2017 04:06 PM (IST)
जटिल सर्जरी कर गले से निकाले 92 लोहे के पिन, जानिए कैसे पहुंची शरीर में पिन
जटिल सर्जरी कर गले से निकाले 92 लोहे के पिन, जानिए कैसे पहुंची शरीर में पिन

नई दिल्ली [ जेएनएन ] । शरीर के किसी हिस्से में अनजाने में एक कांटा भी चुभ जाए तो चीख निकाल जाती है। इलाज के दौरान डॉक्टर के हाथ में इंजेक्शन देखकर ही सिहरन होने लगती है, लेकिन राजस्थान के बूंदी के रहने वाले व रेलवे के कर्मचारी बद्रीलाल (56) के शरीर में एक दो नहीं बल्कि करीब 150 पिने फंसी हुई थीं।

loksabha election banner

गले में पिन जाले की तरह जकड़ी हुई थीं। इसे देखकर कोटा, मुंबई व दिल्ली के रेलवे अस्पताल के डॉक्टरों के भी हाथ पांव फूल गए व सर्जरी करने से इंकार कर दिया। अंत में फरीदाबाद स्थित एशियन अस्पताल के डॉक्टरों ने सर्जरी कर उसके शरीर से 92 पिन निकाले।

जिसमें से 89 पिन उसके गले से निकाली गई हैं। डॉक्टर कहते हैं कि वह मानसिक बीमारी से पीडि़त है। इसके चलते उसने खुद ही पिन चुभा लिया व कुछ पिन निगल लिए थे।

हालांकि डॉक्टर उस मानसिक बीमारी का नाम स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं। डॉक्टरों को अंदेशा है कि वह सेल्फ म्यूटलेशन डिसॉर्डर से पीडि़त है। इस बीमारी से पीडि़त मरीज खुद का अंग भंग करने लगता है।

सर्जरी के बाद बद्रीलाल ने खाना व बोलना शुरू कर दिया है। अब डॉक्टर उसे पिन मैन कहने लगे हैं। डॉक्टरों के अनुसार उसकी सर्जरी काफी जटिल थी। क्योंकि लोहे के पिन (आलपिन) व निडिल उसके पैर, पेट के अलावा गले में सांस की नली, भोजन नली व कैरोटिड धमनी (मस्तिष्क में रक्त आपूर्ति करने वाली धमनी) में फंसी हुई थीं। इसलिए डॉक्टरों ने परिवार को बता दिया था कि सर्जरी के दौरान उसकी टेबल पर ही जान जाने का खतरा है।

सांस की नली में फंसी थी 10 पिन

अस्पताल के ईएनटी, कार्डियक सर्जरी, जनरल सर्जरी, न्यूरो सर्जरी सहित 10 विभागों के डॉक्टरों ने मिलकर उसकी सर्जरी की। ईएनटी विभाग के निदेशक डॉ. ललित मोहन परासर ने कहा कि 24 जून को उसे अस्पताल में लाया गया था। उसे मधुमेह भी है। पिनों के दुष्प्रभाव से उसके शरीर में संक्रमण हो गया था।

पैर, पेट व गले में जहां पिन धंसी थीं वहां त्वचा मोटी हो गई थी। इसके अलावा उन अंगों में असहनीय दर्द था। वह ठीक से सांस नहीं ले पा रहा था व भोजन भी नहीं कर पा रहा था। शरीर का वजन 30 किलोग्राम घट गया था।

एक्सरे व सीटी स्कैन में गले में फंसी पिने स्पष्ट दिख रही थीं। 29 जून व दो जुलाई को उसकी दो सर्जरी की गई। पहले दिन उसके गले से पिने निकाली गई। इस दौरान 10 पिने सांस की नली से व तीन पिने कैरोटिड धमनी से निकाली गईं। दूसरे ऑपरेशन में उसके पेट से तीन पिने निकाली गईं।

ऐसे किया गया गले का ऑपरेशन

अस्पताल के कार्डियक सर्जन डॉ अदील रिजवी ने कहा कि गले में धमनी के अंदर फंसी पिन को निकालने में अत्यधिक रक्तस्राव का खतरा था। डॉक्टरों का कहना है कि सांस की नली से पिन निकालते वक्त यदि अंदरूनी रक्तस्राव होता और खून सांस की नली के माध्यम से फेफड़े में चला जाता तो मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकता था।

इसलिए मरीज को पहले लोकल एनेस्थिसिया देकर आसानी से निकलने वाली पिने निकाल ली गईं। इसके बाद भी सांस की नली में चार पिने फंसी रह गई थी। तब गले में ट्यूब डालकर जनरल एनेस्थिसिया देकर मरीज को बेहोश किया गया। फिर उन पिनों को निकाला गया।

गले में अब भी फंसी हैं करीब 20 पिने

सर्जरी के बाद भी उसके गले में अब भी करीब 20 पिने फंसी हुई हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस कारण उसे भविष्य में संक्रमण हो सकता है। लेकिन यह देखा गया है कि शरीर में गोली के छर्रे फंसे होने पर भी परेशानी नहीं होती। इस मामले में भी ऐसा हो सकता है। अभी उन्ही पिने को निकाला गया है जिससे उसे सांस लेने व खाने पीने में परेशानी न हो।

पैर में संक्रमण होने पर पकड़ में आई बीमारी

बद्रीलाल के बेटे राजेंद्र ने बताया कि उन्हें 10 महीने से यह बीमारी थी। चार महीने पहले मधुमेह के कारण पैर में घाव हुआ, जो ठीक नहीं हो रहा था। बूंदी में डॉक्टरों को दिखाने पर एक्सरे कराया तो पैर में पिन नजर आई। डॉक्टर समझ नहीं पाए कि पिन शरीर में कैसे पहुंची। डॉक्टरों की सलाह पर पूरे शरीर का एक्सरे कराने पर पता चला कि शरीर के कई हिस्सों में पिन मौजूद है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.