दिल्ली में Odd-Even फॉर्मूला कितना कामयाब?, जानें इसके सात फायदे
अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में लगभग 12 लाख निजी गाड़ियां हैं, जिनमें से आधे पर ऑड-ईवन लागू होगा।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दो साल के दौरान दिल्ली में तीसरी बार ऑड-इवन फॉर्मूला लागू होने जा रहा है। इस बार यह फॉर्मूला 13 से 17 नवंबर तक लागू रहेगा। इससे पहले दो बार इसे दिल्ली में लागू किया जा चुका है। दोनों बार ही इस फॉर्मूले की शुरुआत दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंच जाने के कारण की गई थी। इस बार भी ऐसा है। दिल्ली के साथ एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है।
बता दें कि पिछले दो सालों के दौरान ऑड-इवन लागू होने पर अलग-अलग सर्वे आए थे, जिनमें प्रदूषण के स्तर को लेकर भिन्न दावे किए गए थे। योजना की शुरुआत से लेकर खत्म होने तक इसको लेकर पक्ष-विपक्ष में लोग खुलकर आए थे। आइए जानते हैं कि ऑड-इवन योजना लागू होने के बाद क्या-क्या लाभ होते हैंः-
1. ऑड-ईवन लागू होने से सड़क पर गाड़ियों की संख्या लगभग आधी हो जाएगी। ऐसे में ईंधन की बचत होगी।
2. सड़कों पर गाड़ियों की संख्या आधी होते ही ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिल जाएगा।
3. अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में लगभग 12 लाख निजी गाड़ियां हैं, जिनमें से आधे पर ऑड-ईवन लागू होगा।
4. ऑड-ईवन लागू होने पर लोग या तो मेट्रो से या कार पूल के द्वारा दफ्तरों में जाएंगे।
5. इससे जहां सड़कों पर भीड़ कम होंगी वहीं लोगों की जेब भी सकारात्मक से प्रभावित होगी।
6.सड़कों पर गाड़ियां कम होंगी तो कार्बन उत्सर्जन कम होगा, तो उससे प्रदूषण पर कुछ तो फर्क पड़ेगा।
7. फॉर्मूले के तहत सीेएनजी की ज्यादा गाड़ियां सड़कों पर होगी, जिससे प्रदूषण से राहत मिलेगी।
कार पूलिंग का फायदा
ऑड-इवन लागू होते ही कार पूलिंग को बढ़ावा मिलेगा। इसे यूं समझते हैं कि एक कार में ऐसे 4 लोग यात्रा करते हैं, जो पहले 4 अलग-अलग कारों से जाते थे। अब यदि एक कार का प्रतिदिन का खर्च 300 रुपए है, तो 4 कारों का खर्च 1200 रुपए प्रतिदिन होगा। ऐसे में पांच दिन आंकड़ा भी रोचक होगा।
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