स्वीकार नहीं हुआ भाजपा में शामिल होने वाले AAP विधायक का इस्तीफा
27 मार्च को आम आदमी पार्टी के वेदप्रकाश ने भाजपा में शामिल होकर विधानसभा सहित तमाम संवैधानिक पदों से इस्तीफा देने का एलान कर दिया था।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली की विधानसभा सीट बवाना से विधायक वेदप्रकाश ने भले ही भाजपा में शामिल होकर विधानसभा सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है, मगर विधानसभा अध्यक्ष ने अब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। वे कोई भी फैसला करने से पहले वेदप्रकाश से आमने-सामने बात करने के पक्ष में हैं, लेकिन वे अब किसी भी सूरत में विधानसभा नहीं जाने की बात कर रहे हैं।
वहीं, जागरण की ओर से पूछे जाने पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने बताया कि विधायक वेदप्रकाश कार्यालय में आकर इस्तीफा तो दे गए हैं, लेकिन उनकी उनसे अब तक कोई मुलाकात नहीं हुई है। व्यवस्था के मुताबिक इस्तीफा स्वीकार करने से पहले वे उनसे आमने-सामने बात करना चाहते हैं कि कहीं किसी दवाब में तो उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है।
उन्हें विधानसभा बुलाने के लिए दो दिन में कई बार फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। बृहस्पतिवार को आखिरी बार उन्हें संदेश भेजा जाएगा। अगर उसके बाद भी वे विधानसभा आकर उनसे नहीं मिलते हैं तो फिर संवैधानिक व्यवस्था के तहत निर्णय लिया जाएगा।
दूसरी तरफ वेदप्रकाश ने जागरण को बताया कि आम आदमी पार्टी के नेता अब भी उनके ऊपर अलग-अलग माध्यम से इस्तीफा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। पद का प्रलोभन भी दे रहे हैं।
वेदप्रकाश का कहना है कि अब तक उनके पास विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से कोई संदेश नहीं आया है और न ही उन्होंने कोई फोन किया, लेकिन वे बुलाएंगे तब भी विधानसभा नहीं जाऊंगा। इस्तीफा स्वीकार करना या न करना यह विधानसभा अध्यक्ष के ऊपर है। वे अब नगर निगम चुनाव में भाजपा को जिताने के लिए जुट चुके हैं।
बता दें कि 27 मार्च को वेदप्रकाश ने भाजपा में शामिल होकर विधानसभा सहित तमाम संवैधानिक पदों से इस्तीफा देने का एलान कर दिया था। आखिर उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा क्यों दिया है? कुछ लोग इसे टिकटों के वितरण में रिश्वतखोरी से जोड़कर देखकर रहे हैं तो कुछ शाहबाद डेयरी इलाके में सरकारी जमीन पर कब्जे की कहानी से जोड़ रहे हैं।