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नामी फैशन डिजाइनर माला लखानी की हत्या में कई सवाल अब भी अनसुलझे

तीनों ने मिलकर हत्या और लूट तो की, लेकिन चाकुओं के ताबड़तोड़ वार किसने किए, राहुल अनवर ने, रहमत ने या फिर वसीम ने, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है?

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 09:23 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 09:47 AM (IST)
नामी फैशन डिजाइनर माला लखानी की हत्या में कई सवाल अब भी अनसुलझे
नामी फैशन डिजाइनर माला लखानी की हत्या में कई सवाल अब भी अनसुलझे

नई दिल्ली, जेएनएन। फैशन डिजाइनर माला लखानी और उनके सहायक बहादुर की हत्या के मामले में तीन आरोपितों ने सरेंडर किया था। पुलिस भी यही बता रही है कि तीनों ने हत्या की है और तीनों ने थाने पहुंचकर भी यही बताया था कि उन्होंने हत्या की है। हत्या में शामिल तो तीन लोग रहे हैं, लेकिन चाकुओंं से ताबड़तोड़ और बेरहमी से वार करने वाला तीनों में से कौन था? इसका पता अब तक पुलिस को नहीं लगा है।

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चाकू घोंपने वाले का नाम जानने के लिए पुलिस ने तीनों से अलग-अलग पूछताछ भी की है, लेकिन अब तक कहानी पूरी तरह से साफ नहीं हो सकी है। ऐसे में पुलिस अब इस पहलू से भी मामले की जांच कर रही है कि क्या वास्तव में हत्या सिर्फ लूट के लिए की गई या इसकी वजह कुछ और थी? राहुल के पास घर में लूटपाट करने का पूरा मौका था, इसके लिए उसे हत्या को अंजाम देने की जरूरत नहीं थी।

पुलिस के मुताबिक, हत्या करने के लिए चाकू खरीदे गए। दस दिन पहले साजिश रची गई। राहुल ने दो और लोगों को इसमें शामिल किया। बिजली की वायर भी मौके पर रखी गई। जब इतने बेहतर तरीके से साजिश रची थी तो इसमें लूट कहां से शामिल हो गई और अगर लूट ही करनी थी तो हत्या करने की जरूरत क्या थी?

वहीं माला लखानी और बहादुर के शरीर पर चाकुओं के 30 से अधिक वार मिले हैं। इतनी बेरहमी से हत्या करने वाले कुछ घंटों में टूट गए और खुद थाने पहुंच पूरी घटना का पर्दाफाश कर दिया। इससे भी बड़ा सवाल पुलिस के लिए अब तक यह है कि तीनों ने मिलकर हत्या और लूट तो की, लेकिन चाकुओं के ताबड़तोड़ वार किसने किए, राहुल अनवर ने, रहमत ने या फिर वसीम ने, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है?

अब तक आरोपितों की कहानी और पुलिस की तहकीकात कई अनसुलझे सवालों में उलझी नजर आ रही है। पुलिस इन सवालों के जवाब तलाश रही है। पुलिस यह जानकारी कर रही है कि आरोपितों को अगर हत्या ही करनी थी तो लूट क्यों की? लूट करनी थी, तो बंधक भी बना सकते थे, ऐसा क्यों नहीं किया? हत्या की क्या जरूरत थी? लूट तो दिन के समय भी की जा सकती थी? दस दिन तक बनाई गई साजिश हत्या की थी या लूट की? दोनों के शरीर पर 30 से अधिक वार करने वाले हत्यारोपित कुछ घंटों में टूट कर पुलिस के सामने क्यों पहुंचे? कई बार आर्थिक मदद करने वाली माला से इतनी नफरत क्यों हो गई कि चाकूओं से पेट को छलनी कर दिया?

पुलिस के सामने यह भी सवाल हैं कि बहादुर पर 30 से अधिक बार चाकू से वार करने की वजह नफरत थी या कुछ और? अगर आरोपितों को भागना था तो रंगपुरी पहाड़ी क्यों गए? कार में थे तो कहीं भी भाग सकते थे? घर से जब शराब की बोतल लेकर गए तो पी क्यों नहीं?


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