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ब्रेड से कैंसर के खतरे पर निर्माताओं ने कहा,'हम नियमों का करते हैं पालन'

दावे को खारिज करते हुए दिल्‍ली के निर्माताओं ने कहा कि वे भारतीय खाद्य नियामक द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करते हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 24 May 2016 12:13 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2016 03:14 PM (IST)
ब्रेड से कैंसर के खतरे पर निर्माताओं ने कहा,'हम नियमों का करते हैं पालन'

नई दिल्ली। एक अध्ययन के मुताबिक, दिल्ली के सभी टॉप ब्रांड्स में कैंसर कारक केमिकल पाए गए हैं। इस दावे को खारिज करते हुए दिल्ली के निर्माताओं ने कहा कि वे भारतीय खाद्य नियामक द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करते हैं।
ऑल इंडिया ब्रेड मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मागो ने कहा, 'एफएसएसएआई के नियामक ने ब्रेड और बेकरी के लिए उपयोग किए जाने वाले मैदा (20 ppm max) के लिए पोटैशियम ब्रोमेट और पौटैशियम आयोडेट के उपयोग की अनुमति दी है।'

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मागो ने आगे बताया कि इस एडिटिव को सुरक्षित माना जाता है और व्यापक रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे उन्नत देशों में प्रयोग किया जाता है।

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सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट (CSE) द्वारा किए गए एक स्टडी के अनुसार सामान्य तौर पर उपलब्ध 38 ब्रांड्स के 84 फीसद ब्रेड, जिसमें पाव और बंस हैं, जांच के दौरान पोटैशियम ब्रोमेट व पोटैशियम आयोडेट के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं। स्वास्थ्य के लिए हानिकारक तत्वों की वजह से कई देशों में ये प्रतिबंधित हैं।

इस स्टडी का दावा है कि इसमें पाए गए केमिकल्स की वजह से एक ओर जहां कैंसर की संभावना है वहीं दूसरी ओर थायरॉयड डिसऑर्डर भी हो सकता है लेकिन भारत में इसके उपयोग पर पाबंदी नहीं लगाई गई है।
इस स्टडी में ब्रिटैनिया, हार्वेस्ट गोल्ड और फास्ट फूड चेन- केएफसी, पिज्जा हट, डोमिनोस, सबवे, मैक्डोनाल्ड्स और स्लाइस ऑफ इटली के सैंपल्स लिए गए।

ब्रिटैनिया, केएफसी, डोमिनोस, मैक्डोनाल्ड्स और सबवे ने अपने उत्पाद में ऐसे रसायनों के उपयोग से इन्कार किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सीएसई रिपोर्ट के आधार पर इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, 'हमने इस मामले को सीज कर लिया है।

मैंने अपने अधिकारियों से तुरंत रिपोर्ट करने को कहा है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बहुत जल्द हम (जांच) की रिपोर्ट सामने लाएंगे।'

सीएसई के डिप्टी डायरेक्टर जनरल, चंद्र भूषण ने कहा, 'हमने पोटैशियम ब्रोमेट व आयोडेट के लिए 84 फीसद सैंपल्” को पॉजिटीव पाया है। हमने बाहरी थर्ड पार्टी लैब से कुछ सैंपल्स में पोटैशियम ब्रोमेट या आयोडेट की उपस्थिति की पुष्टि की। हमने लेबल की जांच की, साथ ही उद्योग और वैज्ञानिकों से बात की। हमारे अध्ययन से पोटेशियम ब्रोमेट के व्यापक उपयोग की पुष्टि हुई।'


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