इलाज के लिए घंटों का इंतजार कहीं बना न दे और बीमार
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : इलाज की आस में अस्पताल पहुंचे मरीजों का सामना जब लंबी कतारा
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : इलाज की आस में अस्पताल पहुंचे मरीजों का सामना जब लंबी कतारों से होता है तो उनका सब्र जवाब देने लगता है। इंतजार के दौरान मरीज कहते हैं कि आखिर सरकार कब अस्पताल में सुविधाओं को बढ़ाएगी। डाबड़ी स्थित दादा देव मातृ एवं शिशु अस्पताल में इलाज के लिए दूर-दूर से आई गर्भवती महिलाएं बताती हैं कि यहां हर बात के लिए लंबी लाइन में घंटों खड़ा रहना मजबूरी है। सुबह साढे़ आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक ओपीडी के लिए पंजीकरण किया जाता है, लेकिन मरीजों की कतार सुबह छह बजे से ही लगनी शुरू हो जाती है। जिन लोगों का पंजीकरण नहीं हो पाता है उन्हें अगले दिन आना पड़ता है। वहीं पंजीकरण होने के बाद इलाज की लंबी लाइन में भी मरीजों का नंबर आना कई बार मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगले दिन फिर उन्हें लाइन में लगकर घंटो का इंतजार और सब्र करना पड़ता है। ओपीडी के अलावा, दवा और खून जांच के लिए भी लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ता है। अस्पताल पहुंचे मरीजों ने बताया कि वे सुबह साढ़े सात बजे अस्पताल आए, लेकिन 11 बजे तक भी उनका नंबर नहीं आया है। ऐसे में ठीक होने की बजाय और बीमार हो सकते हैं। कतार में लगे मरीजों में कई बार आगे-पीछे होने के दौरान लड़ाई-झगड़ा भी हो जाता है। 106 बिस्तरों वाले इस अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल में बिस्तर बढ़ाने की योजना है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा सामने नहीं आया है। मरीजों ने बताया कि अस्पताल में यूं तो सभी सुविधा है, लेकिन यदि चिकित्सकों की संख्या में इजाफा हो तो घंटों लाइन में इंतजार करने से निजात मिलेगी। जहां तक बात साफ-सफाई की है तो अन्य अस्पतालों के मुकाबले यहां काफी दुरुस्त है और इसे बनाए रखने के लिए जगह-जगह कूड़ादान रखे हुए हैं। कर्मचारी भी इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं।