'आप' के 21 विधायकों को EC का नोटिस, संसदीय सचिव मामले में 14 जुलाई को सुनवाई
चुनाव आयोग ने दिल्ली के उन 21 विधायकों को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए नोटिस भेजा है, जिन्हें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्रीय चुनाव आयोग ने दिल्ली के 21 विधायकों को लाभ का पद मामले में 14 जुलाई को हाजिर होने को कहा है। इसे दौरान इन विधायकों को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका मिल सकेगा। अगर आयोग इनके तर्को से सहमत नहीं हुआ तो जल्दी ही इनकी सदस्यता जा सकती है।
चुनाव आयोग के मुताबिक अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से इन विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर रखे जाने के मामले में कोई फैसला लिए जाने से पहले इन्हें अपना पक्ष व्यक्तिगत रूप से रखने का मौका दिया गया है। इन विधायकों ने आयोग की ओर से मिले नोटिस के जवाब में यह अनुरोध किया था, जिसे आयोग ने मान लिया है। आयोग के सूत्रों का कहना है कि अगर इनके पास कोई नया तर्क नहीं हुआ तो आयोग के पास ज्यादा विकल्प नहीं रह जाएंगे। ऐसे में जल्दी ही यह इनकी सदस्यता समाप्त करने का फैसला सुना सकता है।
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दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने अपनी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव का पद देते हुए उन्हें विभिन्न मंत्रालयों के काम-काज में सहयोग का जिम्मा दिया था। हालांकि सरकार का दावा है कि इस पद के साथ उन्हें ना तो कोई अधिकार दिए गए हैं और ना ही कोई लाभ। उल्टा नियुक्ति के आदेश में साफ तौर पर लिखा गया है कि उन्हें इस काम के लिए अलग से कोई लाभ नहीं दिया जाएगा। मगर इस अधिसूचना में यह जरूर कहा गया है कि वे इस जिम्मेवारी को पूरा करने के लिए संबंधित मंत्रालय के कार्यालय और यातायात के साधनों का उपयोग कर सकेंगे।
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दिल्ली विधानसभा ने संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद की परिभाषा से अलग रखने के लिए एक साल पहले विधेयक भी पारित किया था। मगर पिछले दिनों राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस बिल को अपनी मंजूरी देने से मना कर दिया था। इसके बाद अब माना जा रहा है कि इन विधायकों को अपनी सदस्यता गंवानी पड़ सकती है। दिल्ली की 70 सदस्यों वाली विधानसभा में आम आदमी पार्टी को 67 सीटों का भारी बहुमत मिला था। अगर 21 विधायकों की सदस्यता चली भी जाती है तो केजरीवाल सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं होगा। मगर यह जरूर है कि पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी में जुटी पार्टी को अपना ध्यान नए सिरे से दिल्ली पर लगाना होगा। इन सभी सीटों पर दुबारा जीत हासिल करना भी केजरीवाल के लिए प्रतिष्ठा का विषय होगा।