सकारात्मक पहल
स्वच्छ भारत अभियान को प्रभावी ढंग से अमल में लाने के उद्देश्य से पूर्वी दिल्ली नगर निगम की यह योजना
स्वच्छ भारत अभियान को प्रभावी ढंग से अमल में लाने के उद्देश्य से पूर्वी दिल्ली नगर निगम की यह योजना अपेक्षा के अनुरूप सफल होगी
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दिल्लीवासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने और खुले में शौच करने वालों को सुधारने के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम की योजना स्वागतयोग्य है। इस योजना के तहत सिविल डिफेंस के वालंटियर मौके पर जाकर लोगों को शर्म का अहसास करवाएंगे। इस दौरान लोगों को खुले में शौच से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी दी जाएगी और उन्हें शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा। ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए कि स्वच्छ भारत अभियान को प्रभावी ढंग से अमल में लाने के उद्देश्य से पूर्वी दिल्ली नगर निगम की यह योजना अपेक्षा के अनुरूप सफल होगी। यह निराशाजनक ही है कि राजधानी में विगत कुछ समय से खुले में शौच न करने को लेकर जागरूकता अभियान के बावजूद इस दिशा में शत प्रतिशत कामयाबी नहीं मिल पाई है। तीनों नगर निगम अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में ही करीब 50 ऐसे स्थान हैं, जहां अब भी लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में यह स्थिति है तो देश के दूरदराज के शहरों की हालत का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। खुले में शौच की स्थिति पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं के लिए भी किस तरह असहज है, इस बारे में गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। यह एक स्थापित तथ्य है कि स्वच्छता के लिए चुनौती बनी खुले में शौच की सामाजिक बुराई स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। यह उचित है कि सरकार व सरकारी एजेंसियां अपने-अपने स्तर पर इस बुराई को दूर करने और लोगों को जागरूक करने के प्रयास कर रही हैं और चालान भी काटे जा रहे हैं, लेकिन स्थिति में सुधार की गति बहुत धीमी है। ऐसे में इसमें तनिक भी संदेह नहीं कि जब तक लोग स्वयं सुधार की दिशा में कदम आगे नहीं बढ़ाएंगे, हालात जल्दी बहुत बदले नजर नहीं आएंगे। लिहाजा, यह समय की मांग है कि लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक हों और खुले में शौच पर पूर्णत: रोक लगे। सरकारी एजेंसियों के साथ ही सामाजिक व धार्मिक संस्थाएं इस बुराई को रोकने की दिशा में आगे आएं और एक स्वस्थ और पर्यावरण अनुकूल समाज का निर्माण करने में सहयोग करें।