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    15 अगस्‍त : आतंकी खतरे को देखते हुए DRDO ने संभाली राजधानी की सुरक्षा

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Thu, 13 Aug 2015 04:20 PM (IST)

    आतंकी खतरों को देखते हुहए इस बार 15 अगस्‍त को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा तैयार कई तकनीकी का पहली बार सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह] । आतंकी खतरों को देखते हुहए इस बार 15 अगस्त को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा तैयार कई तकनीकी का पहली बार सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे दहशतगर्दों के किसी भी तरह के नापाक इरादे को विफल किया जा सके।

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    सन 1993 मुंबई हमले के आरोपी अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी याकूब मेनन को फांसी के साथ ही पंजाब में हुए दो आतंकी हमलों के मद्देनजर इस बार स्वतंत्रता दिवस की सुरक्षा व्यवस्था बेहद चाक चौबंद रहेगी।

    दिल्ली पुलिस समेत देश की तमाम सुरक्षा एजेंसियां फूलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी में जुटी हुई है। दिल्ली आतंकियों के हिट लिस्ट में पहले नंबर पर है। लिहाजा सुरक्षा एजेंसियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रखना इस बार सबसे अधिक चुनौती भरा है।

    ड्रोन कैमरे के जरिए आसमान से निगरानी इस बार नहीं किया जाएगा। बल्कि उससे बेहतर तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लालकिला पर झंडा फहराएंगे। इसके लिए पिछले एक महीने से सुरक्षा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई थी।

    हाल के दिनों में लश्कर के पाकिस्तानी आतंकी नावेद के पकड़े जाने पर एनआइए को दिए बयान में उसने खुलासा किया है कि जब वह पाकिस्तान के मंसेरा में आतंकी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा था तो उस कैंप में उसके साथ 15 और पाकिस्तानी आतंकी प्रशिक्षण ले रहे थे।

    उन सभी को भी भारत ही भेजा जाना था। वह दो महीन पूर्व भारत आ गया था। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि कई और आतंकियों को भी भारत में भेजा गया हो जिनकी मंशा स्वतंत्रा दिवस में बिघ्न पैदा करना हो। हालांकि अबतक आतंकी अलर्ट नहीं आया है।

    दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सात रेसकोर्स रोड प्रधनमंत्री आवास से लेकर लालकिला तक आने में प्रधानमंत्री जिन रूटों का इस्तेमाल करेंगे और समारोह खत्म होनेे के बाद वापस रेसकोर्स लौटेंगे वे सभी मार्ग सीसीटीवी कैमरे की जद में होंगे।

    इन मार्गों पर जगह-जगह करीब 1000 से अधिक अत्याधुनिक कैमरे लगा दिए गए हैं। हर जगहों को तीसरी आंखों से निगरानी करने के लिए करीब एक दर्जन कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। करीब 2500 दिल्ली पुलिस के जवान के अलावा 25 कंपनी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल व सीआइएसएफ के जवान लालकिला के चारों तरफ बाहरी सुरक्षा में तैनात रहेंगे।

    प्रधानमंत्री व वीवीआइपी की आंतरिक सुरक्षा मल्टी लेयर होगी, जिसमें एसपीजी, एनएसजी, दिल्ली पुलिस के प्रधानमंत्री सुरक्षा विंग के अधिकारी, एयरफोर्स, आइबी, मिलिट्री इंटेलीजेंस शामिल रहेंगे। जहां झंडा फहराया जाएगा उसके 500 मीटर की परिधि में सुरक्षा विशेषज्ञों की तैनाती रहेगी।

    वे पूरे शरीर में बुलेट प्रूफ जैकेट पहने रहेंगे। इनके पास मशीन गन, एमपी-5 व इंसास के अलवा दुनिया की सबसे प्राचीन बेरेटा कंपनी के कुछ ऐसे हथियार भी होंगे जिससे एक मिनट में 600 बार फायरिंग की जा सके। इनके हेलमेट के अंदर संचार व्यवस्था रहता है।

    ये सुरक्षा विशेषज्ञ जमीन पर गिरते पड़ते किसी भी तरह के मोर्चा को संभाल सकते हैं और संदेश को सुनते हुए ऑपरेशन कर सकते हैं। उनके शरीर में किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंच सकता है। इसबार बीएसएफ के स्वात दस्ता को भी सुरक्षा में लगाया जा रहा है।

    आतंरिक सुरक्षा में सबसे अधिक एनएसजी रहेंगे। एयरफोर्स की सुरक्षा रहेगी। बिना अनुमति के किसी भी जहाज को उडऩे पर पहले एक बार चेतावनी दिया जाएगा फिर एयर क्राफ्ट गन से मारकर जमीन पर गिरा दिया जाएगा।
    लालकिला के छह किलोमीटर की परिधि में जितने भी दुकानदार हैं उन्हें सख्त चेतावनी दी गई है कि वह कोई भी ऐसा खिलौना न बेचें जिसे रिमोट से चलाया जा सके।


    सेना का एयर डिफेंस विंग रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के साथ मिलकर सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहा है। इसबार सेटेलाइट के जरिए भी निगरानी रखा जाएगा। लालकिला के 10 किलोमीटर के दायरे में 50 हजार घरों में किराएदारों, नए किराएदारों, घरेलू सहायकों का सत्यापन कई बार किया जा चुका है।

    सभी ऊंचे मकानों पर दो-दो सुरक्षा अत्याधुनिक हथियार व तेज क्षमता वाली दूरबीन के साथ तैनात रहेंगे। ऊंचे भवनों में रहने वाले लोगों को सख्त निर्देश दिया गया है कि वह 15 अगस्त के दिन लालकिला के तरफ वाली अपनी खिड़कियों को न खोलें।


    लालकिला के चारों तरफ की सड़कों पर जगह-जगह रेत की बोरी घेरकर मोर्चा बनाए गए हैं व मचान बनाया गया है। कई अत्याधुनिक हथियारों की गोलियां लोहे के चादरों को भेद देती है इसलिए इस बार रेत की बोरियां से ही मोर्चा बनाया गया है।