दिल्ली में बारिश ने तोड़ा सात साल का रिकॉर्ड, सितंबर में नहीं होती है ऐसी बारिश
इस वर्ष हुई रिकॉर्ड बारिश लोगों के लिए राहत कम मुसीबत ज्यादा साबित हुई। भारी बारिश की वजह से दिल्ली-एनसीआर में एक दर्जन से ज्यादा इमारतें धराशाई हो गईं। इनमें कईयों की जान चली गई।
नई दिल्ली (जेएनएन)। राजधानी में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हो रही झमाझम बारिश ने सात साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सितंबर में अब तक 125.1 मिलीमीटर (सामान्य) बारिश हो चुकी है। वर्ष 2010 (332.9 मिलीमीटर) के बाद सितंबर में इतनी बारिश नहीं हुई थी। इस मानसून में अब तक दिल्ली में 233.3 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।
सोमवार को औसत अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस कम (27.8) और न्यूनतम तापमान सामान्य (24) पर दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर अधिकतम 100 फीसद और न्यूनतम 71 फीसद रहा। 24 घंटे के दौरान दिल्ली में औसत 25.1 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। पालम क्षेत्र में सर्वाधिक 32.1 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई।
स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने बताया कि दिल्ली में मानसून के दौरान सबसे अधिक बारिश अगस्त में होती है। सितंबर में इस तरह की बारिश नहीं होती। सितंबर 2010 में दिल्ली में 332.9 मिलीमीटर बारिश हुई थी। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को दिन भर बादल छाए रहेंगे। अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है।
जलभराव के कारण लोग हुए परेशान
बारिश से लोगों को राहत महसूस की लेकिन जलजमाव के कारण परेशानी का सामना भी करना पड़ा। सुबह से ही आकाश में बादलों का दौर जारी था। इसके बाद दोपहर में हुई बारिश के कारण यमुना बाजार स्थित हनुमान मंदिर व मंकी ब्रिज के समीप जलजमाव हो गया। जलजमाव की वजह से रिंग रोड पर अधिकतर वाहन रेंगते रहे।
सबसे अधिक दिक्कत दोपहिया वाहन सवारों को हुई। कुछ वाहन सवार बंद हुए दोपहिया वाहनों को धक्का मारते हुए भी दिखे। वहां से गुजर रहे तिलक ने बताया कि सोचा था कि रिंग रोड से निकलने पर जाम से बच जाऊंगा, लेकिन यहां आने पर जलजमाव के कारण वाहन खराब हो गया। इस कारण और भी देरी हो गई।
भारी बारिश से हुए हैं कई हादसे
दिल्ली-एनसीआर में इस वर्ष हुई रिकॉर्ड बारिश ने लोगों को राहत कम दी, लेकिन अव्यवस्थाओं की वजह से मुसीबत ज्यादा साबित हुई। भारी बारिश की वजह से दिल्ली-एनसीआर में एक दर्जन से ज्यादा इमारतें धराशाई हो गईं। इनमें कई लोगों की जान चली गई। वहीं इमारतों के गिरने के खतरे की वजह से बहुत से लोगों को बेघर तक होना पड़ा। सबसे ज्यादा मुसीबत का सामना वाहन चालकों को करना पड़ा। बारिश के दौरान हुए जलभराव से उन्हें आए दिन घंटों जाम का सामना करना पड़ा।