तिरंगा अपमान के आरोपी अफसर को चीनी कंपनी ने नौकरी से निकाला
ओप्पो इंडिया का कहना है कि हमने प्रारंभिक जांच में पाया कि नियमित दौरे के दौरान सुहासू ने तिरंगे का अपमान किया है। इस कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकाल दिया गया है।
नोएडा (जेएनएन)। चीन की मोबाइल निर्माता कंपनी ओप्पो ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को गंभीरता से लिया है। कंपनी ने प्रारंभिक जांच में फैक्ट्री के अपने अधिकारी सुहासू को तिरंगे के अपमान का दोषी पाया है। इसके बाद उसे नौकरी से निकाल दिया है।
उधर, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी बीजिंग में कहा है कि तिरंगे के अपमान पर भारतीय कानून के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए। विभिन्न देशों में काम कर रही चीन की कंपनियों को साफ निर्देश है कि वह स्थानीय कानून का पालन करें। साथ ही वहां के लोगों की भावनाओं का सम्मान करें। ओप्पो कंपनी में तिरंगे का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।
इधर, सुहासू को नौकरी से निकाले जाने के बाद उनकी गिरफ्तारी की संभावना तेजी हो गई है। उन पर लगे आरोप की जांच के लिए नोएडा पुलिस सेक्टर 63 स्थित निर्माण यूनिट में लगे 250 सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाल रही है।
जिन दो जगहों से तिरंगे को फाड़ा गया है, वहां भी 40-45 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पुलिस इन सभी के फुटेज की जांच कर रही है। फुटेज के आधार पर ही सुहाहू पर लगे आरोप साबित होंगे। इसी आधार पर गिरफ्तारी व आगे की कार्रवाई होगी।
गौरतलब है कि ए 154 सेक्टर 63 में चाइनीज मोबाइल कंपनी ओप्पो के अंदर और कैंटीन में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के पोस्टर लगे थे। कंपनी कर्मचारियों का आरोप है कि चीन के मूल निवासी और फैक्ट्री के एक अधिकारी सुहाहू ने इन पोस्टरों को फाड़कर कूड़ेदान में डाल दिया।
इस पर सोमवार रात से मंगलवार दोपहर तक कर्मचारियों व हिंदूवादी संगठन ने जमकर हंगामा किया था। साथ ही कंपनी में जगह-जगह तिरंगा भी लगाया। कोतवाली फेज तीन पुलिस ने मंगलवार को सुहाहू के खिलाफ राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का मामला दर्ज कर लिया था। उन पर लगे आरोप की जांच पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कर रही है।
काम बंद करने पर अड़े कर्मचारी
बुधवार को कंपनी के बाहर पहुंचे कर्मचारियों ने प्रबंधन से कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, काम बंद रखेंगे। उन्होंने तिरंगे का अपमान करने वाले सुहाहू की गिरफ्तारी व अन्य मांगों को प्रबंधन के सामने रखा। कर्मचारियों के अनुसार, उन्हें 11000 रुपये प्रतिमाह मिलता है। इसमें से भी कटौती के बाद 8000 रुपये ही मिलते हैं।
किसी कर्मचारी का छह महीना पूरा होते ही निकालने का बहाना तलाशा जाने लगता है। इसके अलावा सुविधाओं और पीएफ आदि को लेकर भी कर्मचारियों की नाराजगी है। कर्मचारियों ने प्रंबधन के कुछ अधिकारियों की शिकायत भी की है। पुलिस-प्रशासन और श्रम विभाग के अधिकारी दोनों पक्षों के बीच जल्द ही बैठक कराकर समस्या का समाधान कराने पर विचार कर रहे हैं।
वहीं, ओप्पो इंडिया का कहना है कि हमने प्रारंभिक जांच में पाया कि नियमित दौरे के दौरान सुहासू ने तिरंगे का अपमान किया है। इस कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकाल दिया गया है। हम जांच में भी स्थानीय पुलिस को सहयोग देंगे। कंपनी भारतीय लोग और संस्कृति का पूरा सम्मान करती है। हम कंपनी और कर्मचारियों के विकास के लिए काम करेंगे। कंपनी भारतीय कानून के तहत काम करेगी। भविष्य में भी इस तरह की किसी गलती को बर्दास्त नहीं किया जाएगा।