दिल्ली : भाजपा विधायकों को चाहिए महज एक रुपया तनख्वाह
दिल्ली में भाजपा विधायकों ने आम आदमी पार्टी के विधायकों को नसीहत देते हुए कहा कि राजनीति सेवा न कि पेशा। इसलिए महज एक रुपये सांकेतिक तनख्वाह लेंगे। इतना ही नहीं भाजपा विधायक इस बाबत अगले दिल्ली विधानसभा सत्र में इसका प्रस्ताव भी लाएंगे।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो । दिल्ली में भाजपा विधायकों ने आम आदमी पार्टी के विधायकों को नसीहत देते हुए कहा कि राजनीति सेवा न कि पेशा। इसलिए महज एक रुपये सांकेतिक तनख्वाह लेंगे। इतना ही नहीं भाजपा विधायक इस बाबत अगले दिल्ली विधानसभा सत्र में इसका प्रस्ताव भी लाएंगे।
दरअसल, आप विधायक वेतन वृद्धि को लेकर सरकार पर लगातार दवाब बना रहे हैं। इस पर भाजपा विधायकों ने कहा कि बड़ी-बड़ी बाते करने वाले आम आदमी पार्टी के विधायक अब समाज सेवा भूलकर वेतन बढाने की बात कर रहे हैं। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायकों ने कहा कि उन्हें मात्र एक रुपया तनख्वाह चाहिए। अब देखना यह है कि क्या अन्य राज्यों में भी भाजपा विधायक अपनी पार्टी के इस प्रस्ताव पर सहमत होते हैं या नहीं।
भाजपा विधायकों ने कहा कि आदर्श की बातें कर सता में आने वाले आप विधायकों द्वारा वेतन वृद्धि की मांग करना दिल्लीवासियों के साथ विश्वासघात है। भाजपा विधायकों ने कहा हमें एक रुपया तनख्वाह चाहिए। अगले सत्र में भाजपा विधायक इसका प्रस्ताव लाएंगे।
ज्यादा से ज्यादा पैसा दिल्लीवासियों की सेवा में खर्च हो इसके लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके विधायक एक रुपये वेतन लेने की घोषणा करें। भाजपा इसके लिए तैयार है और अगले सत्र में इस पर प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से अनुमति मांगी जाएगी।
भाजपा विधायक ओपी शर्मा ने कहा कि आप विधायक वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं क्योंकि अभी जो वेतन मिलता है वह बहुत कम है। इसलिए इसमें बढ़ोतरी नहीं होने पर भ्रष्टाचार बढ़ेगा। शर्मा का कहना है कि वह इस मांग की विरोध करते हैं क्योंकि इसकी क्या गारंटी है कि ज्यादा वेतन लेने वाला भ्रष्टाचार नहीं करेगा। सच तो यह है कि समाज सेवा का वेतन से कोई संबंध नहीं है।
विधायकों को चाहिए कि वह मात्र एक रुपया वेतन लें तथा शेष पैसा दिल्ली के लोगों की सेवा पर खर्च करें। व्यक्तिगत रूप से वह एक रुपये वेतन लेकर काम करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री को भी यह घोषणा करना चाहिए। भाजपा विधायक जगदीश प्रधान ने भी शर्मा के इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भी इन दोनों विधायकों की भावना का समर्थन करते हुए कहा कि इस बारे में विधानसभा में होनी चाहिए। इसलिए वह अगले सत्र में इस संबंध में प्रस्ताव लाएंगे। भाजपा विधायक अपने वेतन का त्याग कर सिर्फ सचिवालय भत्ता पर काम करने को तैयार हैं।
इस तरह से भाजपा विधायकों ने वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे आप विधायकों पर नैतिक दबाव बढ़ा दिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि सता में आने से पहले तक आप के नेता दूसरे दलों के नेताओं व जनप्रतिनिधियों पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग करने और वीआइपी संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाते थे।
21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर उन्हें मंत्रियों की तरह सुविधा दी जा रही है। यह जनता के पैसे का दुरुपयोग है। अब आप विधायक वेतन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं जबकि पहले से ही उन्हें काफी वेतन और भत्ते मिलते हैं।