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गाजियाबादः राकेश हसनपुरिया गैंग की 'एके 47' से हुआ भाजपा नेता पर हमला

भारतीय जनता पार्टी के नेता ब्रजपाल तेवतिया पर जानलेवा हमले के लिए हथियारों का इंतजाम संसार सिंह के माध्यम से किया गया।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 31 Aug 2016 03:06 PM (IST)Updated: Wed, 31 Aug 2016 03:24 PM (IST)
गाजियाबादः राकेश हसनपुरिया गैंग की 'एके 47' से हुआ भाजपा नेता पर हमला

नोएडा (जेएनएन)। गाजियाबाद में भाजपा नेता ब्रजपाल तेवतिया पर हमला राकेश हसनपुरिया गैंग के पास मौजूद एके 47 से हुआ था। हथियारों का इंतजाम संसार सिंह के माध्यम से किया गया। वह मनीष का साला है। इसपर भी 15 हजार का इनाम घोषित है।

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एके 47 व कारबाइन राकेश हसनपुरिया के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद किसके घर पर छुपाए गए थे, इसका जवाब एसटीएफ को नहीं मिल सका है। घटना में इस्तेमाल की गई फॉ‌र्च्यूनर कार गुड़गांव से लूटी गई थी। यह कार बुलंदशहर के दो लड़कों ने मनोज को एक लाख रुपये में बेची थी, जिसमें 90 हजार रुपये मनोज ने व 10 हजार रुपये गौरव ने दिए थे।

आठ गिरफ्तार, छह अब भी फरार

ब्रजपाल तेवतिया पर हमले के मामले में मास्टरमाइंड मनीष सहित आठ बदमाशों को गिरफ्तार किया जा चुका है। छह बदमाश अब भी फरार चल रहे हैं। बदमाशों की गिरफ्तारी में लगी एसटीएफ की टीम के हाथ अहम सुराग लगे हैं। मनीष से हुई पूछताछ के दौरान फरार बदमाशों के संबंध में संभावित ठिकानों की जानकारी एसटीएफ को मिली है। एसटीएफ का दावा है कि जल्द ही अन्य बदमाश भी गिरफ्त में होंगे।

बुलेट प्रूफ कार तोड़ने की थी तैयारी

मनीष ने पूछताछ के दौरान बताया कि तेवतिया हमेशा बुलेट प्रूफ गाड़ी में चलते थे। इससे पार पाने की योजना भी मनीष ने तैयार कर ली थी। यह तय किया गया था कि नेता के काफिले पर हमला किया जाएगा, जैसे ही गाड़ी रुकेगी, तुरंत हथौड़े से कार का शीशा तोड़ा जाएगा और इसके बाद अंधाधुंध फायरिंग की जाएगी।

पिता की हत्या का बदला लेना चाहता था मनीष

मनीष के पिता सुरेश दीवान की दिल्ली में 11 जून 1999 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस संबंध में दिल्ली के शकरपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई, रिपोर्ट में ब्रजपाल तेवतिया को नामजद किया गया।

विवेचना के दौरान पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की और ब्रजपाल को क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद भी मनीष अपने पिता की हत्या के लिए ब्रजपाल तेवतिया को दोषी मानता है।

चार महीने पहले अप्रैल में हमले की साजिश रची गई थी। हमले के लिए एक अलग गिरोह का गठन मनीष ने किया था। गिरोह में मनीष के ताऊ का लड़का मनोज उसका साला संसार सिंह व निशांत उर्फ जीतू, राहुल त्यागी, राम कुमार, जितेंद्र उर्फ पोपे, अभिषेक, बब्बल उर्फ योगेंद्र व गौरव को शामिल किया गया।

गिरोह में पहलवान व अरूण उर्फ बिट्ट शूटर की भूमिका में थे। जमीन विवाद से उपजी रंजिश मनीष के पिता सुरेश दीवान व एक अन्य व्यक्ति के बीच महरौली में 100 बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। सुरेश दीवान को शक था कि तेवतिया दूसरे पक्ष की अंदर खाने मदद करते हैं।

इसकी जानकारी सुरेश दीवान ने अपने बेटे मनीष को दी थी। जमीनी विवाद में 1984 में दोनों पक्ष की तरफ से चार हत्याएं हुई। विवाद यहीं नहीं थमा 1987 में दो हत्या और 1991 में तीन हत्याएं हुई। दोनों पक्षों की तरफ से हमले का यह सिलसिला 32 साल बाद भी नहीं थमा। 2016 में फिर तेवतिया व उनके साथियों पर हमला किया गया। 100 बीघा जमीन का विवाद अभी भी नहीं थमा है।

मनीष ने रची थी साजिश

एसटीएफ के एसएसपी हिमांशु कुमार ने बताया कि ब्रजपाल तेवतिया पर हमले की साजिश मनीष ने रची थी। उस पर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित था। पिता की हत्या का बदला लेने की नीयत से मनीष से तेवतिया पर हमला किया था। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगी हैं। जल्द ही अन्य बदमाश भी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।


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